काल
डॉ. सत्यदेव आजाद, मथुरा
झंझाओं का महानाद
कवलित काल
ऐसे न थमेगा
होने दो लोहा लाल
अंगड़ाता है बुढ़ापा
यौवन की अर्थी पर
महलों के बुर्ज
कुटिया की सदाबहार घास
इन्हें दोहराओ नहीं
फैलने दो समता का जाल
मानवता के महापतन पर
बनती नई थीम
कांच सा फूटता है भाग्य
घिरा है चित्रकार
वक्रता की रेखा से
सोचते हो
कितने भूचाल निकल गए
इस भी निकल जाने दो।
(लेखक आकाशवाणी के सेवानिवृत्त वरिष्ठ उद्घोषक और नारी चेतना और बालबोध मासिक पत्रिका ‘वामांगी’ के प्रधान संपादक हैं)
नोट:अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें UP में दर्दनाक हादसा: झोपड़ी में लगी भीषण आग, दंपती व तीन बच्चों की जिंदा जलकर मौत OMG! ऐसी शर्त! आठवीं की स्टूडेंट ने आयरन की खा लीं 45 गोलियां, मौत | पांच की हालत गंभीर पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों के पारिश्रमिक में पांच साल बाद हुई बढ़ोतरी गोहत्या केस की सुनवाई के दौरान गाय को लेकर हाईकोर्ट के मुस्लिम जज की तीखी टिप्पणी, जानिए पूरा मामला