रेलवे कर्मचारियों को बड़ा झटका, अब गृह क्षेत्र में तबादला के लिए करना होगा लम्बा इंतजार 

नई दिल्ली 

देशभर में अलग-अलग रेलवे जोन में काम करने वाले रेल कर्मचारियों को रेलवे बोर्ड ने एक बड़ा झटका दिया है। अब किसी भी जॉन में कार्यरत रेलवे का कोई कर्मचारी अपने गृह क्षेत्र में तबादला कराना चाहता है तो उसे लम्बा इन्तजार करना होगा क्योंकि रेल मंत्रालय ने तबादला पालिसी में बड़ा बदलाव कर दिया है। इन आदेशों से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

तबादला पॉलिसी में किए गए बदलाव के अनुसार  कर्मचारी को अपने गृह क्षेत्र तबादला करवाने के लिए अब 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। यानी दूसरे प्रदेश में कार्यरत रेलवे कर्मचारियों को नौकरी की शुरुआत में दस वर्ष वहीं निकालना जरूरी है। पहले यह शर्त 5 साल की थी। नवनियुक्त कर्मचारियों से बड़ी संख्या में तबादलों के लिए  आवेदन और रिलीव होने के बाद प्रशिक्षित जनशक्ति (मेन पावर) की कमी होने से कार्य सुचारू रूप से हाेने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने को देखते हुए रेल मंत्रालय ने ये फैसला किया है।

रेलवे बोर्ड के उप निदेशक (एन) संजय कुमार ने एक पत्र में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि नई तबादला पॉलिसी के अनुसार  5 साल के बाद ऑन रिक्वेस्ट जोनल ट्रांसफर की अर्हता  को  बढ़ाकर 10 वर्ष  कर दिया गया है। जोनल स्तर पर महाप्रबंधक (जीएम) रेलवे यूनियनों से परामर्श कर नियम लागू करेंगे। इसमें कहा है कि कोई भी कर्मचारी दस साल नौकरी करने के बाद ही रेल मंडल या क्षेत्रीय रेलवे से बाहर स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते है, इसके पहले आवेदन अमान्य होगा। पत्र में दिव्यांग, मृतक आश्रित के रूप में कार्यरत विधवा, सरकारी नौकरी में कार्यरत पति-पत्नी को इस नियम से अलग रखा गया है।

इधर इस नियम का कर्मचारी यूनियन विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि इससे कर्मचारियों के लिए बड़ा नुकसान होगा। नरमू के मंडल अध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि इस आदेश पर रोक लगवाए जाने के लिए आल इंडिया रेलवे मैस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा से वार्ता की गई है।

रेल मंत्रालय ने आदेशों में लिखा, गृह नगर के पास स्थानांतरण करने का कोई कानूनी दावा नहीं किया जा सकता। यह केवल कठिन परिस्थितियों में या विशेष मामलों में सहानुभूति आधार पर विचार किया जाता है। यही कारण है कि ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों की न्यूनतम नौकरी को बढ़ाकर 5 से दस साल कर दिया गया है।

रेल मंत्रालय ने 10 मार्च, 2022 को इन आदेशों की प्रतिलिपि देश के सभी महाप्रबंधकों को भेज दी है। मंडल स्तर पर इन आदेशों की प्रतिलिपि व्हाट्सएप ग्रुप में आ चुकी है लेकिन सभी महाप्रबंधक अपने-अपने जोन के लिए  पत्र जारी करेंगे।

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