सरकार ने बदला पोर्ट ब्लेयर का नाम, अब इस नाम से जानी जाएगी अंडमान-निकोबार की राजधानी | यहां जानिए इस खूबसूरत द्वीप समूह की रोचक जानकारी

नई दिल्ली 

आप से यदि पूछा जाए कि अंडमान और निकोबार द्वीप (Andaman-Nicobar Islands) की राजधानी का नाम क्या है? तो आप बताएंगे पोर्ट ब्लेयर (Port Blair)। लेकिन अब यह नाम भूल जाइए। केंद्र सरकार ने अब इसका नाम बदल दिया है। शुक्रवार को यानि 13 सितंबर, 2024 को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर अंडमान और निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने की जानकारी दी।

अंडमान और निकोबार द्वीप की राजधानी अब पोर्ट ब्लेयर की जगह ‘श्री विजयपुरम’ (Sri Vijayapuram) के नाम से जानी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर लिखा, ‘देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया हैउन्होंने कहा कि ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है

अमित शाह ने लिखा, ‘चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल (Cellular Jail) में वीर सावरकर (Veer Savarkar) व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है

जानें इस द्वीप समूह की खास बातें 

आपको बात दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है यह द्वीप समूह दो द्वीप समूहों से मिलकर बना है – उत्तरी अंडमान और दक्षिणी निकोबार इन दोनों द्वीप समूहों को 150 किलोमीटर चौड़ी एक चैनल अलग करता है इस द्वीप समूह के बारे में कुछ और खास बातेंः

  • यह द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में स्थित है 
  • इसमें कुल 836 द्वीप हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ़ 31 पर ही लोग रहते हैं
  • प्रशासनिक तौर पर, इन द्वीपों को तीन ज़िलों में बांटा गया है – उत्तर और मध्य अंडमान, दक्षिण अंडमान और निकोबार 
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में घने सदाबहार उष्णकटिबंधीय वर्षा वन हैं इनमें कई दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं 
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का इतिहास रामायण काल से ही शुरू हो गया था उस समय इसे हंडुकमान कहा जाता था 
  • निकोबार द्वीप समूह, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के यूरेशिया से टकराने से बने एक बड़े द्वीप चाप का हिस्सा है

इस द्वीप पर अंग्रेजों का आधिपत्य था और बाद में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापान द्वारा इस पर अधिकार कर लिया गया। कुछ समय के लिए यह द्वीप नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की आज़ाद हिन्द फौज (Azad Hind Fauj) के अधीन भी रहा था। बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि देश में कहीं भी पहली बार पोर्ट ब्लेयर में ही तिरंगा फहराया गया था। यहां नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 30 दिसम्बर, 1943 को यूनियन जैक उतार कर तिरंगा झंडा फहराया था। इसलिए अंडमान निकोबार प्रशासन की तरफ से 30 दिसम्बर को हर साल एक भव्य कार्यक्रम मनाने की शुरुआत की गई है। जनरल लोकनाथन भी यहाँ के गवर्नर रहे थे। 1947 में ब्रिटिश सरकार से मुक्ति के बाद यह भारत का केन्द्र शासित प्रदेश बना।

ब्रिटिश शासन द्वारा इस स्थान का उपयोग स्वाधीनता आंदोलन में दमनकारी नीतियों के तहत क्रांतिकारियों को भारत से अलग रखने के लिये किया जाता था। इसी कारण यह स्थान आंदोलनकारियों के बीच काला पानी के नाम से कुख्यात था। कैद के लिये पोर्ट ब्लेयर में एक अलग कारागार, सेल्यूलर जेल का निर्माण किया गया था जो ब्रिटिश इंडिया के लिये साइबेरिया की समान था। 23 दिसंबर 2004 को सुनामी लहरों के कहर से इस द्वीप पर 6000 से ज्यादा लोग मारे गये थे।

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