रंग लाई सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील, पहली बार UP में नहीं हुई सड़कों पर ईद की नमाज

लखनऊ | नई हवा ब्यूरो 

एक तरफ राजस्थान के जोधपुर में ईद के दिन दंगों की आग भड़क रही थी वहीं दूसरी ओर अमूमन ईद पर संवेदनशील रहने वाले सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश में मंगलवार को ईद शांतिपूर्वक मनाई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर UP के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि ईद के दिन सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई।

पहले बुलडोजर, फिर लाउडस्पीकर विवाद और अब ईद की नमाज में यूपी ने कानून व्यवस्था की मिसाल पेश की है। राम नवमी, हनुमत जयंती और अलविदा की नमाज के बाद ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती की परीक्षा में योगी सरकार पास हो गई।

ईद-उल-फितर के पाक मौके पर उत्तरप्रदेश ने एक नया इतिहास रचा है। पिछले साल तक जहां 50 हजार से 01 लाख लोग सड़कों और दूसरे जगहों पर नमाज पढ़ते थे। वहीं इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर पूरे प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद की नमाज नहीं अदा की गई। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम योगी की अपील का समर्थन किया था, नतीजतन, ईद की नमाज ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई। हापुड़ और लोनी (गाजियाबाद) सहित कई क्षेत्रों में जहां मस्जिद और ईदगाहों में जगह कम थी वहां अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज़ पढ़ी।

उत्तर प्रदेश में  पहली बार ईद के दिन सड़कों पर ट्रैफिक जाम नहीं हुआ। ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने से यूपी में अशांति या विवाद की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन लोगों ने ईदगाहों में नमाज़ पढ़ी तो परशुराम जयंती पर अलग-अलग संगठनों ने शांतिपूर्ण आयोजन भी किए। प्रदेश के सभी 75 जिलों से शांति, हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाया गया। जबकि राजस्थान के जोधपुर सहित देश के कुछ राज्यों में ईद पर दो समुदायों के बीच हिंसा और तनाव की खबरें आई हैं।

32 हजार जगहों पर हुई ईद की नमाज़, हर जगह शांति और सौहार्द
सीएम योगी ने अधिकारियों को ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के एक ही दिन होने पर पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहने को कहा था। साथ ही, सड़क पर यातायात रोक कर नमाज़ पढ़ने से सामान्य जन को होने वाली परेशानी का हवाला देते , धर्मगुरुओं से संवाद बनाने के निर्देश भी दिए थे। मुख्यमंत्री की कोशिश का सकारात्मक असर देखने को मिला और कहीं भी सड़क पर नमाज़ नहीं हुई। सीएम के निर्देश पर एहतियातन यूपी पुलिस ने सुरक्षा चाक चौबंद की थी। अनुमान के मुताबिक इस साल प्रदेश में करीब 33 हजार जगहों पर नमाज अदा की गई, इसमें 2,800 स्थानों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे।

बुलडोजर मॉडल और धार्मिक स्थलों पर लगे अनावश्यक लाउडस्पीकर के बाद। अब सड़क पर नमाज़ पढ़ने की समस्या का आम सहमति से हल निकाला गया। सीएम योगी की इस कोशिश की वजह से यूपी की लॉ एंड ऑर्डर मॉडल की सराहना हो रही है। इन दिनों देश के तमाम राज्यों में चल रहे लाउडस्‍पीकर विवाद के बीच यूपी में सीएम योगी ने मंदिर-मस्जिद सहित सभी धर्मस्‍थलों पर तय मानकों के मुताबिक लाउडस्पीकर को कम आवाज में बजाने को कहा। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सभी धर्मगुरुओं से संवाद किया और मस्जिदों से भी अनावश्यक लगे लाउडस्पीकर उतरने लगे। मंदिर हो या कि मस्ज़िद, नियम के खिलाफ लगे लाउडस्पीकर को उतारा गया।

एक तरफ जहां देश के दूसरे हिस्सों में रामनवमी हिंसा की घटनाएं हुई वही यूपी में रामनवमी के अवसर पर शांतिपूर्ण शोभा यात्रा निकली।उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक शोभायात्राएं निकलीं और विवाद की एक भी घटना नहीं हुई।

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