आंदोलन की राह पर ग्राम विकास अधिकारी, 21 अप्रेल से जाएंगे सामूहिक अवकाश पर | महंगाई राहत कैंप तथा प्रशासन गांव के संग अभियान पर पड़ सकता है असर

भरतपुर 

राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ के आह्वान पर प्रदेश के 33 जिलों एवं 352 पंचायत समितियों में हजारों ग्राम विकास अधिकारियों ने मुख्यमंत्री तथा पंचायत राज मंत्री के नाम ज्ञापन देकर आंदोलन की चेतावनी दी। ग्राम विकास अधिकारियों ने ऐलान किया है कि वह अपनी मांगों को लेकर 21 अप्रेल से सामूहिक अवकाश पर जाएंगे और धरना शुरू करेंगे। ग्राम विकास अधिकारियों के इस आंदोलन को देखते हुए सरकार के महंगाई राहत कैंप तथा प्रशासन गांव के संग अभियान पर संकट के बादल मंडरा गए हैं।

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ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण कोरेर ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी संघ के 7 सूत्री मांग पत्र पर प्रशासन गांव के संग अभियान 2021 में दो बार लिखित समझौते किए गए लेकिन इनके 2 वर्ष  पश्चात आज तक भी आदेश जारी नहीं किए गए। जिसके कारण प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है। ग्राम विकास अधिकारियों अब दुबारा प्रशासन गांव के संग अभियान एवं महंगाई राहत कैंप से पूर्व ही आंदोलन का निर्णय किया है।

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ग्राम विकास अधिकारी संघ ने बुधवार को दिए गए ज्ञापन में शासन व सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 21 अप्रेल से सामूहिक अवकाश पर रहते हुए पंचायत समिति मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ करने की घोषणा की है। इसके चलते 24 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे प्रशासन गांव के संग शिविरों में प्रदेश के ग्राम विकास अधिकारी भाग नहीं लेंगे।

ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला महामंत्री जितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि  सरकार बार-बार वादों से मुकर रही है। ऐसे में इस बार संगठन ने प्रशासन गांव के संग अभियान एवं महंगाई राहत शिविरों का पूर्ण बहिष्कार करते हुए आर-पार का आंदोलन करने का निर्णय लिया है। 21 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे अनिश्चितकालीन धरने में प्रदेश के 11285 ग्राम विकास अधिकारी भाग लेंगे। जिसके चलते प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतें बंद हो जाएंगी।  क्योंकि मंत्रालयिक कर्मचारी पूर्व से ही हड़ताल पर हैं।

ये हैं मांग

  • ग्राम विकास अधिकारी संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करवाना
  • एसीपी के स्थान कर चयनित वेतनमान लागू करवाना
  • अंतर जिला स्थानान्तरण पॉलिसी लागू करवाना
  • कैडर पुनर्गठन कर उच्च पद सृजित करवाना
  • तीन वर्षो की लंबित पदोन्नतियां करवाना
  • डीआरडीए कार्मिकों को नियमित करवाना तथा लिखित समझौतों के आदेश जारी करवाना है।

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