नई दिल्ली
राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के लिए राहत भरी खबर है। पिछले विधान सभा चुनाव के कुछ महीने बाद से ही सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही तनातनी पर फिलहाल विराम लग गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित बंगले पर राहुल गांधी के साथ चार घंटे तक चली मीटिंग में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराई गई और फैसला किया गया कि दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
अब इस बात पर नजर है कि दोनों नेताओं के मन अभी मिले या नहीं क्योंकि दोनों के बीच आज हुई सुलह के बाद इनकी बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि अभी बहुत कुछ ठीक होना है। मीटिंग के बाद गहलोत जहां मुस्कराते हुए बाहर निकले। वहीं सचिन पायलट के चेहरे पर ऐसी मुस्कान नजर नहीं आई। राजनीति पर बारीक नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि सुलह से सचिन अभी खुश नहीं है। जल्दी ही सचिन के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की फिर मीटिंग हो सकती है। फ़िलहाल आज की सुलह के बाद इन दोनों नेताओं के बयान अभी सामने नहीं आए हैं। बस, गहलोत मुस्करा जरूर दिए।
दोनों नेताओं में सुलह के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ही सामने आए और कहा कि दोनों नेताओं के नेतृत्व में ही इस साल होने वाला राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि आलाकमान ने सुलह का जो फार्मूला निकाला है, वह सचिन को अभी रास नहीं आ रहा है। इसलिए केसी वेणुगोपाल ने शायद इसीलिए कहा कि अभी दोनों के बीच एक फेज की बातचीत होनी बाकी है। समाधान का क्या फॉर्मूला तय किया गया, यह उन्होंने अभी साफ नहीं किया।
गहलोत-पायलट के बीच यह तात्कालिक सुलह का रास्ता पायलट के अल्टीमेटम को देखते हुए निकाला गया है। यह अल्टीमेटम 30 मई को खत्म हो रहा है। केसी वेणुगोपाल ने केवल इतना ही कहा- बैठक में तय हुआ कि गहलोत और पायलट मिलकर एक साथ चुनाव लड़ेंगे। गहलोत और पायलट दोनों ने हाईकमान पर डिसीजन छोड़ दिया है।
आपको बता दें कि सचिन पायलट ने पेपर लीक और वसुंधरा राज के करप्शन के खिलाफ 11 मई से अजमेर से जयपुर के बीच पैदल यात्रा की थी। 15 मई को यात्रा के समापन पर जयपुर के महापुरा में की गई सभा में पायलट ने तीन मांगें रखकर 15 दिन में उन पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था। पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के करप्शन पर हाईलेवल कमेटी बनाने, आरपीएससी को भंग कर पुनर्गठन करने और पेपर लीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग रखी थी। तीनों मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। पायलट के अल्टीमेटम को 30 मई को 15 दिन पूरे हो जाएंगे। तीनों में से किसी मांग को सरकार ने नहीं माना है।
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