पंचायत समिति की मीटिंग के दौरान राजस्थान के एक विधायक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और तहसीलदार को मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया। विधायक इतनी तैश में आ गए कि उन्होंने तहसीलदार को थप्पड़ तक दिखा दिया। जब विधायक ने तहसीलदार की अक्ल पर टिप्पणी की तो तहसीलदार को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने भी पलट कर विधायक को मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया। ’तू-तू’, ’मैं मैं’ से बात हाथापाई तक पहुंचती उससे पहले ही अन्य अधिकारियों ने दोनों को अलग किया और मामला शांत कराया।
घटना हनुमानगढ जिले की संगरिया पंचायत समिति की शनिवार को हुई मीटिंग की है। मीटिंग राजीव गांधी जल संरक्षण योजना के अंतर्गत परियोजनाओं की तैयारी की डीपीआर के अनुमोदन को लेकर हुई थी। इसी में फसल खराबे को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान विशेष गिरदावरी की मांग पर संगरिया विधायक गुरदीप शाहपीनी और संगरिया तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण में जमकर तकरार हो गई। ’तू-तू’, ’मैं मैं’ से बात नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। अन्य अधिकारियों ने बीचबचाव कर दोनों को अलग किया।
दरअसल मीटिंग में विधायक गुरदीप शाहपीनी ने बरसात, ओलावृष्टि और अंधड़ से खराब हुई फसलों को लेकर स्पेशल गिरदावरी की मांग करते हुए कहा कि लीजिए मुफ्त की अक्ल दे रहे हैं। इस पर तहसीलदार को गुस्सा आ गया और तहसीलदार ने भी जवाब देते हुए कहा कि नहीं चाहिए आपकी अक्ल। इस पर विधायक तैश में आ गए और तहसीलदार को मीटिंग से बाहर जाने को कहा, तो तहसीलदार ने भी पलटकर विधायक को बाहर जाने की कह दी तो विधायक का गुस्सा भी सातवें आसमान पर चढ़ गया और कहा कि क्या बोल रहे हैं, थप्पड़ मारूंगा। तहसीलदार ने कहा कि तेरे लगेगी। इसके बाद दोनों में हाथापाई की नौबत आ गई।
बात हाथापाई तक पहुंचती; उससे पहले ही अधिकारियों ने बीचबचाव किया और दोनों को अलग किया और तहसीलदार को कमरे से बाहर ले गए, तब जाकर मामला शांत हुआ। संगरिया विधायक गुरदीप शाहपीनी का कहना है कि तहसीलदार सही तरीके से गिरदावरी नहीं कर रहे और इससे किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। जबकि तहसीलदार का कहना है कि वह गिरदावरी करने में लगे हुए हैं और कल ही उन्होंने खेतों में जाकर फसल खराबे को देखा था। उनका काम सरकार को रिपोर्ट भेजना है ना कि मुआवजा देना।
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