भरतपुर में कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी में बवाल, भड़के कार्यकर्ता क्यों बोले; हमारे बुरे दिन आने वाले हैं? जानें यहां

भरतपुर 

हिन्दू और हिंदुत्व की बहस में उलझी कांग्रेस के 137वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को भरतपुर में पार्टी में बवाल खड़ा हो गया। जिले में कांग्रेस के सात विधायक हैं और इनमें से गहलोत मंत्रीमंडल में चार मंत्री बने हुए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी मंत्री या विधायक पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में नहीं पहुंचा। इससे पार्टी के कार्यकर्ता बुरी तरह भड़क गए।

अपने ही स्थापना दिवस के प्रति मंत्रियों और विधायकों की इस बेरुखी से भरतपुर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इतना आक्रोश था कि मीडिया के सामने आए और जमकर अपनी भड़ास निकाली और बोले; ऐसा लगता है कि भरतपुर में कांग्रेस के बुरे दिन आने वाले हैं।

भरतपुर में आज कांग्रेस का स्थापना दिवस भूरी सिंह व्यायाम शाला पर मनाया गया, लेकिन भरतपुर जिले के सातों विधायकों में से कोई भी इसमें नहीं पहुंचा। खासतौर से क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री सुभाष गर्ग की गैरहाजरी को लेकर गहरी नाराजगी थी। हालांकि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी इस स्थापना दिवस को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत कम थी। लेकिन जो उपस्थित थे, उनका यही कहना था कि पार्टी के बड़े नेता ही नदारद थे तो कार्यकर्ता क्या करें?

बताया जाता है कि कार्यक्रम में आने के लिए कई कार्यकर्ताओं ने बड़े नेता और विधायकों को फोन तक भी मिलाए, लेकिन कोई नहीं आया। आखिर में गुस्साए कार्यकर्ता मीडिया के सामने आए और जमकर अपनी भड़ास निकाली और पार्टी नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई।  कार्यकर्ता बोले कि अब कांग्रेस के बुरे दिन आने वाले हैं। भरतपुर में पार्टी को कोई डूबने से बचा  नहीं सकता।

मंत्री ने दे दी दलालों को जिम्मेदारी
कांग्रेस सेवादल के पूर्व शहर अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा ने क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री सुभाष गर्ग पर बड़ा आरोप लगाया और कहा कि गर्ग भरतपुर में RLD के विधायक हैं। हमारी सरकार में मंत्री भी हैं। उन्हें ही सारी जिम्मेदारी दे रखी है और उन्होंने जितने भी लोगों को यहां अलग-अलग तरह के पद दे रखे हैं वे कोई कार्यकर्ता नहीं, बल्कि दलाल हैं। इनके कारण ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष है। ये ही हैं, जिनके कारण भरतपुर में कांग्रेस खत्म हो चुकी है। आने वाले समय में भरतपुर में कांग्रेस का बुरा हाल होगा।

गहलोत-पायलट खेमेबंदी में पिस रहे कार्यकर्ता 
कार्यकर्ताओं का आरोप था कि वे भरतपुर जिले में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की खेमेबंदी के बीच बुरी तरह पिस रहे हैं। इसलिए भरतपुर के सभी विधायक कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते। पार्टी के बड़े नेताओं ने एक प्रकार से जिले के विधायकों को इतनी ज्यादा छूट दे रखी है कि वे किसी की सुनते तक नहीं।

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