जयपुर
राजस्थान के 18 हजार अधिक बिजली कर्मचारी इंटर डिस्कॉम तबादलों की मांग को लेकर 23 साल से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं है। इससे उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पिछले 54 दिन से वे इंटर डिस्कॉम संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले अलग-अलग विधायकों के निवास पर धरना देकर अपनी बात रख रहे हैं; फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
आपको बता दें कि जुलाई 2000 में राजस्थान राज्य विद्युत विभाग को तोड़कर सरकार ने 5 कंपनियां (जयपुर डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पाद निगम, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम) बनाई थी। तब से इन कंपनियों में काम करने वाले 18 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के इंटर डिस्कॉम (एक कंपनी से दूसरी कंपनी) में ट्रांसफर नहीं हो रहे। जबकि कर्मचारियों के कैडर और पे-स्कैल सब समान है।
इंटर डिस्कॉम संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामकेश मीणा ने आरोप लगाया है कि कि विभाग और सरकार की ओर से कैडर लैप्स होने का हवाला देकर तबादले नहीं किए जा रहे। इस साल फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा के बजट सत्र में ये मामला तीन बार उठा, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया। हम पिछले महीने 18 अप्रैल से लगातार धरना दे रहे हैं और हर मंत्री, विधायक के घर के बाहर बैठकर अपनी मांग रख रहे है, लेकिन फिर सभी सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही।
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