जिंदगी
डॉ. शिखा अग्रवाल
जब कंधे पर हाथ रख,
कोई हौले से कहता है
… मैं हूं ना,
जिंदगी मुस्कुरा देती है।
जब सालों बाद अचानक,
कोई नाम पुकारता है
… पहचाना मुझे?
जिंदगी महक जाती है।
जब मुश्किल वक्त में,
कोई हमराही बन कहता है
… आगे बढ़ो,
जिंदगी संवर जाती है।
जब आंसू हथेली में ले,
कोई पीठ सहलाता है
… सब ठीक होगा,
जिंदगी हसीन हो जाती है।
जब गले लगा कर,
कोई याद दिलाता है
… हम वही तो हैं,
जिंदगी फिर से मिल जाती है।
(लेखिका राजकीय महाविद्यालय, सुजानगढ़ (चूरू) में सह आचार्य हैं)
————–
नोट: अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’ की खबरें नि:शुल्क और नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें
गहलोत सरकार ने देर रात नवगठित जिलों में लगाए IPS, पांच अन्य आईपीएस भी बदले | देखिए लिस्ट
महिला वकील की कनपटी पर गोली मारकर हत्या
NIRF रैंकिंग: रसातल में जाती राजस्थान की उच्च शिक्षा | जानिए दुर्दशा की वजह