RTH के खिलाफ डॉक्टर्स की हड़ताल ख़त्म, इन आठ बिंदुओं पर बनी सहमति

जयपुर 

राइट टू हेल्थ बिल (RTH) को लेकर लंबे समय चल रहे डॉक्टर्स की हड़ताल मंगलवार को ख़त्म हो गई। सीएम अशोक गहलोत ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी और कहा कि मुझे खुशी है कि सरकार व डॉक्टर्स के बीच सहमति बनी और राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। सरकार और चिकित्सकों के बीच 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है। इसके बाद हड़ताल ख़त्म होने की जानकारी गहलोत ने ट्वीट करके दी।

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आपको बता दें कि पिछले करीब पंद्रह दिन से राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल जारी थी निजी अस्पताल बंद पड़े थे और सेवारत चिकित्सकों के साथ रेजिडेंट्स ने भी हड़ताल को समर्थन देते हुए कार्य बहिष्कार किया था लंबे समय से निजी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी।

कैसे भुलाएं?

इससे पहले चिकित्सक और सरकार के बीच सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ वार्ता हुई थी और वार्ता के दौरान 8 बिंदुओं पर सहमति बनी। इस दौरान एसीएस चिकित्सा शिक्षा टी.रविकांत पर मौजूद रहे। सहमति पत्र पर टी रविकांत और चिकित्सकों के हस्ताक्षर मौजूद हैं। चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त होने से प्रदेश की जनता को भी राहत मिली है। डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी और राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी

डॉक्टर्स और सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार, राइट टू हेल्थ में 50 बेड क्षमता वाली मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अलावा बिना किसी सरकारी मदद के चल रहे निजी अस्पताल इस विधेयक के बाहर होंगे। राइट टू हेल्थ के दायरे में निजी मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल आएंगे। साथ ही वह अस्पताल जिन्होंने रियायती दरों पर सरकार से जमीन ली है। वह सभी अस्पताल जो ट्रस्ट की तरफ से संचालित किए जा रहे हैं वह इसके के दायरे में आएंगे।

चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान पुलिस केस या अन्य तरह के मुकदमों को रद्द किया जाएगा। अस्पतालों से जुड़े मामलों में अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा। अग्निशमन एनओसी हर 5 साल में कंसीडर की जाएगी। भविष्य में किसी तरह के नियम कायदे बनाए जाने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 2 प्रतिनिधियों की भी मंजूरी ली जाएगी। वार्ता के दौरान कोटा मॉडल और सिंगल विंडो ग्रीवेंस सिस्टम लागू करने पर सहमति बनी।

राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च 2023 को राइट-टू-हेल्थ बिल पास हुआ था। बिल पेश करते हुए विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि इस बिल को विपक्ष के कहने पर ही प्रवर समिति को भेजा गया था। इस पर प्रवर समिति की 6 बैठकें हुई थी। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा था कि सभी सदस्यों की बातों को इस बिल में शामिल किया गया है। हालांकि, इस बिल के विरोध में निजी चिकित्सक आंदोलन कर रहे थे। राइट टू हेल्थ बिल से निजी अस्पतालों को आपातकाल या इमरजेंसी की स्थिति में निःशुल्क इलाज करना पड़ेगा। स्वास्थ्य के अधिकार वाले इस बिल में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज को रेफर किए जाने के हालत में अस्पताल को एंबुलेंस की व्यवस्था खुद करना पड़ेगा. इसके तहत प्राइवेट हॉस्पिटल्स को सरकारी योजना के अनुसार, हर बीमारी का फ्री इलाज होगा. आरटीएच बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनके जरिए आम जनता को वक्त पर और सही इलाज मिल सकेगा।

इन पॉइंट्स में समझिए समझौते के बिंदु 

  • 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर होंगे।
  • सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के लारिड के रूप में की जा रही है और रियायती दर पर बुलिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा
  •  निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और पीपीपी मोड पर बने अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे
  • अस्पतालों की निम्नलिखित श्रेणी आरटीएच अधिनियम द्वारा कवर की जाएगी
    ए. निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल
    बी. पीपीपी मोड पर बने अस्पताल
    सी. सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति
    उनके अनुबंध की शर्तें).
    डी. अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं.
    भूमि और बुलिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
  • राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा
  • आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामले और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
  • अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
  • फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में माना जाएगा
  • नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा

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