‘मोदी’ सरनेम पर राहुल गांधी को दो साल की जेल, कोर्ट ने सुनाई सजा, हाथों-हाथ हुई जमानत  | कर्नाटक की रैली में कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों?

सूरत 

‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी करार दिया है। गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है राहुल को कोर्ट से तुरंत 30 दिन की जमानत भी मिल गई कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया है वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैंराहुल ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली में ये बयान दिया था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?  राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था

गुजरात की सूरत कोर्ट ने चार साल बाद इस मामले में आज राहुल को दोषी ठहराया। कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे। इससे पहले कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

राहुल सुबह दिल्ली से सूरत पहुंचे। उनकी सुरक्षा में 150 जवान तैनात किए गए हैं। कोर्ट के बाहर भी सुरक्षा सख्त की गई। शहर कांग्रेस के अनुसार 200 से ज्यादा कार्यकर्ता राहुल गांधी का स्वागत करेंगे। हर वार्ड के पदाधिकारियों को भी इसमें मौजूद रहना अनिवार्य है। यदि राहुल गांधी के खिलाफ फैसला आया तो विरोध प्रदर्शन करेंगे। पक्ष में फैसला आया तो पटाखे फोड़े जाएंगे।

जानें कोर्ट में क्या क्या हुआ

  • राहुल गांधी ने कोर्ट में जज से कहा, मेरा इरादा गलत नहीं था
  • राहुल ने कोर्ट में कहा, ”मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला, मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं
  • राहुल गांधी के वकील ने बताया, दो साल की सजा सुनाई गई, उन्हें 30 दिन की जमानत मिल गई है, वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जा सकते हैं
  • सजा सुनाए जाने से पहले राहुल के वकील ने जज से अपील की कि उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए जबकि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में राहुल गांधी को अधिकतम सजा और जुर्माना देने की मांग की

ये है मामला
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था

अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे वे दिसंबर में सूरत से फिर विधायक चुने गए हैं

राहुल इस मामले में पिछले बार 2021 में  सूरत की कोर्ट में पेश हुए थेउन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था राहुल गांधी के वकील किरीट पनवाला के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी

पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक के वकील ने कोर्ट में बताया था कि गांधी के कोलार भाषण वाली सीडी और पेन ड्राइव से साबित होता है कि कांग्रेस सांसद ने वास्तव में मोदी सरनेम परटिप्पणी की थी, और उनके बयानों ने समुदाय को बदनाम किया

वहीं, राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि यह पूरी कार्यवाही ही त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 202 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था  इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि इस मामले में शिकायतकर्ता पीएम नरेंद्र मोदी को होना चाहिए था, न कि विधायक पूर्णेश मोदी को, क्योंकि गांधी के भाषण में मुख्य लक्ष्य पीएम मोदी थे

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