दलित हिंदू से ईसाई बने CPM MLA की विधायकी हाईकोर्ट ने की रद्द, जानिए पूरा मामला

कोच्चि 

केरल हाईकोर्ट ने दलित हिंदू से धर्म बदलकर ईसाई बने CPM विधायक ए राजा की विधायकी रद्द कर दी है। ए राजा पर आरोप था कि- दलित होने का फर्जी सर्टिफिकेट चुनाव लड़े थे। जांच में यह पाया गया कि वह अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित नहीं हैं, जिसके लिए इडुक्की के पहाड़ी जिले में देवीकुलम विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है।

अदालत ने 2021 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के नेता डी. कुमार की याचिका पर यह फैसला सुनाया। दरअसल 2021 में केरल विधानसभा चुनाव में इडुक्की जिले की देवीकुलम एक आरक्षित सीट थी। इस सीट से CPM की तरफ से ए राजा और कांग्रेस की ओर से डी कुमार चुनाव लड़े थे। ए राजा ने 7,848 मतों से डी कुमार को चुनाव हरा दिया था।

इसके बाद केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कांग्रेस नेता डी कुमार ने आरोप लगाया कि राजा ईसाई हैं। पहाड़ी जिले के एक गिरजाघर में उनका बपतिस्‍मा किया गया था। उन्होंने खुद को SC का साबित करने के लिए नकली सर्टिफिकेट दिया। कुमार ने गिरजाघर में राजा की शादी और दूसरे सबूतों का भी हवाला दिया, जो उनके ईसाई धर्म का होने का संकेत देते हैं। ऐसे में आरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया था।

इस मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस पी सोमराजन ने कहा, ‘ए राजा केरल के दलित हिंदू परायण समुदाय से ताल्लुक नहीं रखते हैं। वह धर्म बदलकर ईसाई बन गए हैं। ऐसे में ए राजा आरक्षित देवीकुलम सीट से विधायक चुने जाने के योग्य नहीं हैं।’

हाईकोर्ट ने साथ ही कहा है कि ए राजा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस तरह केरल हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद ए राजा अब विधानसभा सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इससे केरल विधानसभा में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की ताकत 140 सदस्यीय विधानसभा में 99 विधायक से घटकर 98 रह गई है।

धर्म बदलकर मुस्लिम-ईसाई बनने वालों को आरक्षण नहीं मिले: केंद्र
7 दिसंबर 2022 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि धर्म बदलकर मुस्लिम और ईसाई बनने वाले दलितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। साथ ही सरकार ने धर्म बदलने वाले सभी दलितों को रिजर्वेशन की सलाह देने वाले रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट को भी मानने से इनकार कर दिया है। धर्म बदलकर मुस्लिम और ईसाई बनने वाले दलितों को रिजर्वेशन मिलना चाहिए या नहीं इसकी जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक आयोग बनाया है।

आपराधिक केस दर्ज करने की मांग
विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि सीपीआई (एम) को पहले पूरे एससी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को सीट दी जो समुदाय से नहीं है लेकिन फर्जी दस्तावेज पेश करके सदस्य बन गया।
सतीसन ने कहा- नामांकन पत्र दाखिल किए जाने पर मामला रिटनिर्ंग ऑफिसर के ध्यान में लाया गया था, लेकिन वह कार्रवाई करने में विफल रहे। इस धोखाधड़ी के लिए मुख्य रूप से सीपीआई (एम) जिम्मेदार है और अब उनके उम्मीदवारों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज दाखिल करने के लिए उचित आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि सीपीआई (एम) को पहले पूरे एससी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को सीट दी जो समुदाय से नहीं है लेकिन फर्जी दस्तावेज पेश करके सदस्य बन गया।

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