IDBI बैंक को 6,710 करोड़ का झटका, इस कम्पनी ने किया loan default

नई दिल्ली 

नीरव मोदी के बाद अब तक का एक और सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है इस बार IDBI बैंक को 6,710 करोड़ का झटका दिया गया है। झटका देने वाला भी हीरा कारोबारी है। हीरा कारोबार करने  वाली कंपनी सांघवी एक्सपोर्ट्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने यह झटका दिया है। इस कम्पनी ने आईडीबीआई बैंक का 6710 करोड रुपए का डिफॉल्ट किया है। माना जा रहा हैं की इसके चलते बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है और इसका असर LIC के आने वाले आईपीओ पर भी पड़ेगा

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की तरफ से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 14 हजार करोड़ रुपए  से अधिक का डिफॉल्ट करने के बाद इसे भारतीय बैंक इतिहास में हीरा उद्योग की दूसरी सबसे बड़ी डिफॉल्ट की घटना माना जा रहा है।

अब शुरू हुई रकम वसूलने की प्रक्रिया
आई़डीबीआई बैंक का नियंत्रण एलआईसी के पास है। आईडीबीआई ने तो अपने डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब सरकार के स्वामित्व वाली आईडीबीआई अगले साल अपने आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी में लगी हुई है। आईडीबीआई ने तो अपने डिफॉल्टर्स से रकम वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इससे बड़े नुकसान हो सकते हैं। मन जा रहा है कि इस डिफॉल्ट की वजह से एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है।

इन कंपनियों के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई
आईडीबीआई बैंक की तरफ से मुंबई बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स स्थित सांघवी एक्सपोर्ट्स इंटरनेशनल और उसकी 4 सहायक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ये चार सहायक कंपनियां हैं- संघवी डायमंड्स मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, सांघवी ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, सांघवी स्टार रिटेल प्राइवेट लिमिटेड और रॉयल स्टेट होल्डिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड। इन कंपनियों के 13 उच्च अधिकारियों और गारंटर के खिलाफ भी वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनकी दो फैक्ट्री गुजरात के सूरत के अलावा मुंबई में हैं।

3 साल पहले ही मिल गए थे संकेत
अक्टूबर 2018 में इस बड़े डिफॉल्ट के संकेत मिलने लगे थे। बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लैक्स स्थित भारत डायमंड बाजार में सांघवी एक्सपोर्ट्स पर लगभग 468 करोड़ रुपए  नहीं चुकाने का आरोप लगाया था। इसे लेकर बैंक कंसोर्टियम ने सांघवी एक्सपोर्ट्स की संपत्तियों को जब्त भी कर लिया था। उस वक्त बैंकिंग जानकार इसे चौंकाने वाली घटना मान रहे थे और साथ ही इस बात को लेकर सवाल भी उठ रहे थे कि आखिर खराब रेकॉर्ड के बावजूद कंपनी को इतना बड़ा लोन कैसे दिया गया।

सीबीआई जांच कराने की मांग
एक और बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आने के बाद अब ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के नेता  विश्वास उटागी ने इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की तरह आरोपी देश छोड़कर ना भागने पाएं। उतागी ने नए खुलासे को ‘वास्तव में आश्चर्यजनक’ करार दिया और आश्चर्य जताया कि यह घोटाला इतने लंबे समय तक कैसे सार्वजनिक नहीं किया गया।

बैंक का आया यह बयान
इस रिपोर्ट के बाद बैंक ने  एक बयान जारी किया। आईडीबीआई बैंक का कहना है कि डिफॉल्ट करने वाले हीरा व्यापारी पर सैद्धांतिक रूप से केवल 16.72 करोड़ रुपए बकाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, आईडीबीआई बैंक ने अपनी बकाया राशि की वसूली के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।

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