वकील ने कहा- कोर्ट को बाजार मत बनाइए जज साहब! जज बोले- ‘आंखें मत दिखाओ, जेल भेज दूंगा’

कोलकाता

एक हाईकोर्ट में जज ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पत्रकारों को कोर्ट कार्रवाई की मोबाइल फोन से वीडियो रिकार्डिंग करने की अनुमति क्या दे दी कि बहस जज और वकील के बीच नोकझोंक में बदल गई। पत्रकारों को कोर्ट कार्रवाई की मोबाइल फोन से वीडियो रिकार्डिंग करने की अनुमति देने पर वकील ने आपत्ति करते बोल दिया ‘कोर्ट को बाजार मत बनाइए, जज साहब।’ इस पर जज ने वकील को वार्निंग दे दी कि  ‘आंखें मत दिखाओ, जेल भेज दूंगा।’

टैक्सपेयर्स की रियायत खत्म कर मुक्त टैक्स सिस्टम लागू कर सकती है सरकार

वकील और जज के बीच तीखी नोकझोंक का यह मामला गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta Highcourt) में सामने आयाकोर्ट में पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई चल रही थी जस्टिस अभीजित गंगोपाध्याय (Abhijeet Gangopadhyay) की बेंच केस सुन रही थी जस्टिस गंगोपाध्याय ने 6 लोगों को सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने को कहा थाआरोप है कि इन 6 लोगों को अवैध तरीके से  शिक्षक के तौर पर भर्ती किया गया था इन छह लोगों में से एक तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल (Anubrat Mondal) की बेटी सुकन्या भी थीं कोर्ट में मंडल की तरफ से सीनियर एडवोकेट अरुनवा घोष कोर्ट में पक्ष रख रहे थे

इसी दौरान कोर्ट में जस्टिस गंगोपाध्याय ने इस सुनवाई में पत्रकारों को मोबाइल फोन से वीडियो रिकार्डिंग करने की अनुमति दे दी थी हालांकि पत्रकारों को रिकार्डिंग की ही अनुमति दी थी, किसी तरह की लाइव स्ट्रीम की अनुमति नहीं थी। बस इसी बात पर एडवोकेट अरुनवा घोष और जज के बीच तीखी बहस हो गई कोर्ट रूम में बात यहां तक जा पहुंची कि जस्टिस ने उत्तेजित होकर बोलने वाले वकीलों को चेतावनी दे दी उन्होंने कहा ‘असंसदीय भाषा का प्रयोग न करें। मैं तुम्हारे खिलाफ अवमानना के तहत कार्रवाई करूंगा। अवमानना ​​के लिए नोटिस जारी करूंगा और आपको जेल भेजूंगा। इस बहस को नीचे पढ़िए अक्षरश:

सबसे पहले जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, ‘इस सुनवाई के लिए मैं पत्रकारों को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने और अदालत की कार्यवाही रिकॉर्ड करने की अनुमति दूंगा। मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही को फेसबुक या कहीं भी लाइव स्ट्रीम न किया जाए, लेकिन पत्रकारों को आज की कार्यवाही का वीडियो रिकॉर्ड रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है’

जिस पर कोर्ट के सामने पेश हुए कई वकीलों ने तुरंत आपत्ति जताई। वकीलों में से एक ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय से कहा, ‘इस कोर्ट रूम को बाजार में मत बदलो। ये आपको बार के बीच बहुत बदनाम कर रहा है। यह पत्रकारों के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन आप टीवी खोलते हैं और सुबह से शाम तक आपका चेहरा उस पर रहता है। कृपया ऐसा न करें।

जस्टिस गंगोपाध्याय ने जवाब दिया ‘ये खुली अदालत की कार्यवाही हैं।’ वकीलों ने कहा, ‘अदालत की गरिमा बनाए रखने की जरूरत है। बाहर अंदर आने की लड़ाई है।’ वकीलों और जस्टिस गंगोपाध्याय के बीच कहासुनी यहीं नहीं थमी। वकीलों ने कहा, ‘ऐसी अफवाह है कि वे आपके कक्ष में जाते हैं।’ जस्टिस गंगोपाध्याय ने मजाकिया अंदाज में पूछा, ‘मेरे कक्ष में कौन जाता है?’ वकील ने जवाब दिया ‘पत्रकार।’ जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, ‘हां, वे मेरे कक्ष में आते हैं। इसमें आपत्तिजनक क्या है?’

जस्टिस ने आगे कहा, ‘मैं आपको अवमानना ​​का नोटिस जारी करके फोन करूंगा और फिर आपसे बात करूंगा। मुझे लगता है कि सबूत हैं’ वकील पीछे नहीं हटे और एक वकील ने न्यायाधीश से कहा, ‘मुझे पता है कि न्यायाधीश के साथ कैसे व्यवहार करना है।’ जस्टिस गंगोपाध्याय ने जवाब दिया, ‘हां, मैं यह भी जानता हूं कि आप जैसे व्यक्ति के साथ कैसे व्यवहार करना है।’

विरोध करने वाले एक अन्य वकील ने खुली अदालत में कहा, ‘मैंने आपको छह साल से देखा है, आपने एक भी फैसला नहीं सुनाया।’ जस्टिस गंगोपाध्याय ने पलटवार करते हुए कहा, ‘एक भी फैसला नहीं सुनाया?! आपने कुछ नहीं पढ़ा। आप कोई तथ्य नहीं जानते हैं।’

जज ने उत्तेजित होकर बोलने वाले वकीलों को चेतावनी दी कि ‘असंसदीय भाषा का प्रयोग न करें। मैं तुम्हारे खिलाफ अवमानना के तहत कार्रवाई करूंगा। अवमानना ​​के लिए नोटिस जारी करूंगा और आपको जेल भेजूंगा।’ वकीलों ने जवाब दिया, ‘आप जारी कर सकते हैं। मामले को न्यायिक रूप से लिया जाए।’

जस्टिस ने वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा, ‘मुझे अपनी आंखें मत दिखाओ। इस कार्यवाही के लिए आज वीडियोग्राफी की जाएगी।’ इसके बाद न्यायाधीश ने अपना आदेश सुनाया। जिसमें उन्होंने कहा कि मामले में दायर हलफनामे को रिकॉर्ड में नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए एक सितंबर का दिन तय कर दिया।

एक्साइज पॉलिसी केस में दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर CBI की रेड, परिवार के सभी सदस्यों के फोन जब्त, 7 राज्यों में भी पड़े छापे | यहां डिटेल में समझिए एक्साइज पॉलिसी में कैसे हुआ घपला

राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव: पायलट समर्थक मंत्री की बेटी का NSUI से कटा टिकट, फूट-फूट कर रोई, बगावत पर उतरी | NSUI ने रितु बराला को तो ABVP ने नरेंद्र यादव को मैदान में उतारा

अब स्टेशन पर नहीं मिलेगा टिकट, रेलवे बंद करने जा रहा है टिकट काउंटर, जानिए क्या है पूरा प्लान

टैक्सपेयर्स की रियायत खत्म कर मुक्त टैक्स सिस्टम लागू कर सकती है सरकार

सेकंड ग्रेड टीचर्स की तबादला सूचियां तैयार, वेटिंग में लैक्चरर्स की सूचियां, जानिए कब जारी हो रही हैं सूचियां

राजस्थान के सात लाख कर्मचारियों ने बजाया आंदोलन का बिगुल, पहले चरण की बनाई ये रणनीति, जानिए क्यों बढ़ रही है नाराजगी

Good News: रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों के लिए लागू हुआ नया ट्रान्सफर माड्यूल, यहां जानिए डिटेल