नई दिल्ली
केंद्र सरकार अब टैक्सपेयर्स की रियायत खत्म कर मुक्त टैक्स सिस्टम लागू करने के मूड में है। इस बात के संकेत मिले हैं कि वित्त मंत्रालय छूट या रियायतों से मुक्त टैक्स सिस्टम की समीक्षा की योजना बना रहा है। सूत्रों ने बताया कि नई व्यवस्था में टैक्स को कम किए जाने से यह अधिक आकर्षक बन पाएगी। इसी तरह का टैक्स सिस्टम कॉरपोरेट करदाताओं के लिए भी सितंबर, 2019 में लाई गई थी। इसमें टैक्स रेट को घटाया गया था और साथ ही छूट या रियायतों को भी समाप्त किया गया था।
केंद्र सरकार चाहती है कि पुरानी इनकम टैक्स प्रणाली को खत्म कर आयकर में मिलने वाले टैक्स छूट को समाप्त कर दिया जाए। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के समक्ष नए टैक्स सिस्टम की समीक्षा का प्रस्ताव है। इसके तहत जटिल पुरानी टैक्स व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि जिन लोगों ने अपना आवास और शिक्षा ऋण चुका दिया है वह नए टैक्स सिस्टम को अपनाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि 2020-21 में नई टैक्स सिस्टम लाने का मकसद कर प्रणाली को आयकरदाताओं के लिए आसान बनाना था। साथ ही उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार निवेशक विकल्पों के चुनाव को और बेहतर बनाना था जिसमें वह बेवजह टैक्स छूट के नाम पर गैर-जरूरी निवेश करने से बचें।
वर्तमान समय में ये है स्थिति
व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए एक फरवरी, 2020 को पेश नई कर व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को कोई कर नहीं देना होता। ढाई लाख से पांच लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत का कर लगता है। इसी तरह पांच लाख से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 लाख से 10 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत, 12.5 से 15 लाख रुपए की आय पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगता है।
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