उद्धव ठाकरे को झटका, छिना शिवसेना का नाम और तीर कमान | चुनाव आयोग ने कहा कि शिंदे गुट असली शिव सेना

नई दिल्ली 

महाराष्ट्र  में उद्धव ठाकरे को उस समय बड़ा झटका लगा जब उससे शुक्रवार को शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान छिन गया। चुनाव आयोग ने आज इसे लेकर अपना फैसला सुनाया और कहा कि शिंदे गुट को ही असली शिव सेना माना जाए। यानी अब शिवसेना का नाम और उसके निशान तीर कमान का उपयोग उद्धव गुट नहीं कर पाएगा। क्योंकि अब चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना शिंदे गट की हो गई है। चुनाव आयोग के इस फैसले को अब उद्धव गुट कोर्ट में चुनौती दे सकता है।

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चुनाव आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान भी इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। चुनाव आयोग ने कहा है कि  शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा। शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है। इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है।

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चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है लड़ते रहो संजय राउत ने कहा कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है

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आपको बता दें कि  पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था तो पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था बाद में एकनाथ शिंदे ने सीएम औऱ देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी

इसके बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था

महाराष्ट्र में सत्ता में बदलाव के बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैंवहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न तीर कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था

अक्टूबर 2022 में शिंदे गुट को पार्टी के प्रतीक के रूप में दो तलवार और ढाल के साथ बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया था और प्रतीक चिह्न मशाल दिया गया था

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