जोधपुर
जोधपुर में शनिवार शाम करीब 6 बजे एक सीनियर एडवोकेट का सरेआम मर्डर कर दिया गया। बदमाशों ने एडवोकेट को पहले चाकुओं से गोदा और फिर पत्थर से सिर कुचल कर मार डाला। बदमाशों ने एडवोकेट को फोन करके घर से बुलाया और फिर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। थोड़ी देर बाद ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना माता का थान थानान्तर्गत (Police station Mata ka Than) भदवासिया में अस्पताल के पास की है। पुलिस के अनुसार भदवासिया में मंदिर वाला मोहल्ला निवासी एडवोकेट जुगराज चौहान (55) को आज देर शाम को भदवासिया अस्पताल के पास बीच सड़क पर भदवासिया निवासी अनिल चौहान व मुकेश चौहान ने रोका और मारपीट शुरू कर दी। एक युवक ने पेट में चाकू से चार-पांच वार किए और दूसरे व्यक्ति ने कुछ दूरी पर रखा पत्थर उठाकर एडवोकेट के सिर पर दे मारा जिससे सिर फट गया और खून निकलने लगा। आस-पास के लोगों ने पुलिस को सूचित कर गंभीर घायल अधिवक्ता को महात्मा गांधी अस्पताल भेजा, जहां उनकी मौत हो गई। जुगराज ने इन आरोपियों से खतरे की शिकायत पुलिस से पहले भी की थी। जुगराज की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि वह पहले भी कई बार इन लोगों से खतरा होने की शिकायत कर चुके हैं।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि मौके से फरार होने वाले आरोपी अनिल चौहान व मुकेश चौहान को पकड़ लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में एडवोकेट के पुत्र का सड़क हादसे में निधन हो गया था। तब एडवोकेट ने आरोपी अनिल व मुकेश पर जमीन हड़पने के लिए पुत्र की हत्या का आरोप लगाकर परिवाद सौंपे थे। जिन्हें सड़क हादसे वाली पत्रावली में शामिल की गई। पत्रावली कोर्ट में पेश की गई, लेकिन एडवोकेट ने आपत्ति जताई और हत्या की जांच करने की गुहार लगाई थी। पत्रावली दुबारा जांच के लिए थाने भेज दी गई। वर्तमान में सहायक पुलिस आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद दिवाकर जांच कर रहे हैं।
इस मामले का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि अनिल और मुकेश ने पहले से ही हत्या की प्लानिंग कर रखी थी। सड़क पर पहले जुगराज को रोका। उसके साथ धक्का-मुक्की की गई। वो सड़क पर गिर गए।
इधर घटना को लेकर वकीलों में गुस्सा है। ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन (AILU) जोधपुर के जिला अध्यक्ष एडवोकेट पी आर मेघवाल एवं जिला सचिव महिपाल सिंह चारण ने कहा कि पिछले कई साल से राज्य सरकार से राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट विधानसभा में पारित कराकर लागू करवाने की मांग की जा रही है। लेकिन राज्य सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। पिछले एक महीने से अधिवक्ताओं पर हमले बढ़े हैं।
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