दौसा के डॉ. अंजीव अंजुम राजस्थान बाल साहित्य मनीषी सम्मान से विभूषित 

दौसा 

देवनगरी दौसा के ख्यातनाम कवि, कहानीकार, बाल साहित्य रचनाकार  और पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर के सदस्य डॉ. अंजीव अंजुम को जवाहर कला केंद्र जयपुर में उनकी उल्लेखनीय बाल साहित्य सेवा हेतु आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे रंग राजस्थान महोत्सव में रंग कर्मियों, साहित्यकारों व सुधिजनों के मध्य रंग राजस्थान बाल साहित्य मनीषी सम्मान से विभूषित किया गया।

राजस्थान में सार्वजनिक अवकाश की सूची में हुआ आंशिक संशोधन

पुरस्कार कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला एवं  कला संस्कृति विभाग  की प्रमुख शासन सचिव  श्रीमती गायत्री राठौर द्वारा भव्य समारोह में प्रदान किया गया। अंजीव अंजुम की 100 से अधिक बाल साहित्य की पुस्तकें प्रकाशित हैं। बाल साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार बाल साहित्य श्री सम्मान, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार सहित अंजुम को राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ, हिंदुस्तानी अकादमी प्रयागराज, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट नई दिल्ली के पुरस्कार भी प्राप्त हैं।

इस अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, उपाध्यक्ष श्री बुलाकी शर्मा, सचिव राजेंद्र मोहन शर्मा, श्री गोविंद शर्मा संगरिया, श्रीमती विमला भंडारी सलूंबर सहित अनेक साहित्यकारों का भी सम्मान किया गया।

नोट:अपने मोबाइल पर नई हवा’की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें

राजस्थान में सार्वजनिक अवकाश की सूची में हुआ आंशिक संशोधन

कॉलेज शिक्षा के संयुक्त निदेशक पद पर RAS अफसर की नियुक्ति पर ABRSM ने जताया ऐतराज, प्रदेशभर में प्रशासन को दिए ज्ञापन

हरियाणा में असम रायफल के सिपाही की गोली मारकर हत्या | पंद्रह दिन पहले ही हुई थी शादी

रेलवे के घूसखोर दो इंजीनियर सस्पेंड, ठेकेदारों के बिल पास करने के एवज में लिए थे पांच लाख | जयपुर की इस फर्म को पहुंचाया था लाभ

Tata Group की इस कम्पनी का बड़ा ऐलान, नहीं करेगी छंटनी, इंक्रीमेंट भी मिलेगा पहले जैसा | नौकरी गंवा चुके कर्मचारियों के हित में लिया ये बड़ा फैसला

मैं था हवा खोर…

ऐसा शातिर चोर जो दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठकर सुनाता रहा फैसला। आप भी जानिए इसका दिलचस्प किस्सा, रह जाएंगे दंग

अब बत्तीसी नहीं अट्ठाईसी बोलिए, घट रहे हैं दांत और गायब हो रही है अक्ल दाढ़ | एक स्टडी में खुलासा