मुख्यमंत्री कोरे गाल बजाकर सिर्फ सपने दिखाते हैं, धरातल पर विकास नहीं: चतुर्वेदी

भुसावर 

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं परिवर्तन संकल्प यात्रा संयोजक अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री कोरे गाल बजाकर सिर्फ सपने बेचने का कार्य कर रहे हैं,धरातल पर विकास नहीं चतुर्वेदी शनिवार को वैर भुसावर विधान सभा क्षेत्र से परिवर्तन संकल्प यात्रा के समापन के पश्चात मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे

चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री पिछले साढ़े चार साल से सिर्फ घोषणा कर रहे हैं। धरातल पर एक भी घोषणा वास्तविकता में नहीं हो रही है। आम जन को चुनाव के समय जो वायदे किए थे। उनमें से एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ है, जिन किसानों से ऋण माफी के लिए कहा था एक भी किसान का ऋण माफ नहीं हुआ है। जमीनों की कुर्की की स्थिति आ गई। किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया। 17 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। जमीन की कुर्की आई इसलिए उन्होंने आत्महत्या की।

चतुर्वेदी  ने कहा की बेरोजगारों को रोजगार का लाभ किसी को नहीं मिला। रोजगार के नाम पर पूरी तरह से राजस्थान में परीक्षा माफिया सक्रिय हो गया। पेपर लीक हुए और 19 परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि देश में सबसे महंगी बिजली एवं पेट्रोल और डीजल राजस्थान में मिलता है। वहीं पूरे राज्य में अपराध सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। राजस्थान में भरतपुर में हालत यह है कि हम क्राइम कैपिटल के रूप में खड़े हो गए हैं। बहन बेटियों के साथ दुष्कर्म आम बात है। राज्य में 17 दुष्कर्म प्रतिदिन होते हैं। ऐसा रिकॉर्ड है। करप्शन सिर चढ़कर  बोल रहा है। चाहे मुख्यमंत्री  के ऑफिस के जुड़ाव की बात हो। चाहे मंत्रियों का इसमें इंवॉल्वमेंट हो। विधायक सरकार के ऊपर आरोप लगा रहे हैं एक भी स्थान पर बिना पैसे दिए काम नहीं हो रहा प्रत्येक कार्य के पीछे कमीशन है।

अपार मिल रहा है जन समर्थन
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि हम 2 सितंबर से जब से निकले हैं परिवर्तन संकल्प यात्रा को जबरदस्त जन समर्थन मिल रहा है जहां हमें 2:00 बजे पहुंचना था वहां हम शाम को 7:00 बजे पहुंच रहे हैं, गांव-गांव ढाणी ढाणी यात्रा का स्वागत किया जा रहा है। यह राज्य में सत्ता परिवर्तन का आगाज है। जिस तरह से हमें अपार जन समर्थन मिल रहा है इससे यह निश्चित है कि कांग्रेस पार्टी का इस चुनाव में पूरी तरह सूपड़ा साफ हो जाएगा।

ईआरसीपी पर बोले चतुर्वेदी
चतुर्वेदी ने कहा की ई आरसीपी को भारतीय जनता पार्टी लेकर आई थी, उसने ही इसका पूरा डीपीआर बनाया इंटर स्टेट प्रोजेक्ट में जितने भी राज्य हैं उन सभी की उसमें स्वीकृति होनी चाहिए। मध्य प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा उन्होंने पत्र लिखकर सहमति देने से इनकार किया। इसमें स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि 4 साल के 75 प्रतिशत पानी का स्टोर करने की व्यवस्था हो। स्टोर करने के लिए बांध की कैपेसिटी (भराव क्षमता) बढ़नी होती है। इसके लिए साढे चार साल निकालने के बाद भी मुख्यमंत्री ने उसके लिए कोई भी शुरुआत नहीं की। अगर मुख्यमंत्री  ने इसके लिए व्यवस्था की होती तो हम उस डीपीआर के तहत पानी को ला सकते थे। मध्य प्रदेश ने उसके लिए दो डैम बना लिए हैं। तीसरा डैम बनाने जा रहा है। राजस्थान में एक डैम की भी व्यवस्था नहीं की है। इसके जो पैरामीटर है उनको पूरा कर लें तो केंद्र अभी भी स्वीकार करने को तैयार है।

चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार को एक और प्रस्ताव दिया था कि  पूर्वी राजस्थान की तीन नदियों को मिलाकर जिनमें पचाना, चंबल और माही तीनों नदी शामिल हो को मिलाकर के राज्य का एक प्रोजेक्ट बना कर केंद्र को भेज दिया जाए जिसका 98% पैसा केंद्र सरकार देगी। उसको भी अगर मुख्यमंत्री जी दे देते तो पूर्वी राजस्थान को पानी की कमी नहीं होती। इन तीनों नदियों को मिलाकर हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर लेते। मुख्यमंत्री जी केवल गाल बजाते हैं। उनकी इच्छा नहीं है धरातल पर कार्यों को पूरा करने की।

राजस्थान में पनपा खनन माफिया
एक प्रश्न के उत्तर में अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि भरतपुर ही नहीं संपूर्ण राजस्थान में खनन माफिया, पट्टा माफिया, शराब माफिया पनपा है।  उत्तर प्रदेश में वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कारण हार्डकोर अपराधी छोड़कर राजस्थान में शरण लिए हुए हैं।  इसलिए यहां  कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है।

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