जयपुर
राजस्थान में गहलोत सरकार ने शुक्रवार को मंडी कारोबारियों और किसानों के है में एक बड़ा फैसला किया। इस फैसले के तहत सरकार ने मंडियों में कार्यरत आढ़तियों की आढ़त 1.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत की दी है। साथ ही फल-सब्जी पर आढ़त 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी है। आढ़त की बढ़ोतरी 1 अप्रेल 2022 से प्रभावी होगी।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ और सब्जी मंडी कारोबारी पिछले करीब छह माह से अधिक समय से ये मांग करता आ रहे थे। खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलों के प्रभाव से मंडियों को बचाने के लिए खाद्यान्न पर मण्डी टैक्स 1.60 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत, तिलहन पर 1 प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत तथा कृषक कल्याण फीस 1 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही आढ़त 2.25 से घटाकर 1.75 प्रतिशत कर दी गई थी।
मंडी वयापारी राज्य सरकार से निरंतर मांग कर रहे थे कि कोरोना के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा था। ऐसे में आढ़त और टैक्स में राहत (gehlot government relief to traders) दी जाए।
बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने मंडी व्यापारियों की मांग मानते हुए आढ़तियों की आढ़त 1.75 से बढ़ाकर 2.25 प्रतिशत 1 अप्रेल 2022 से प्रभावी कर दिया है। साथ ही मण्डी टैक्स खाद्यान्न तथा दालों पर 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.60 प्रतिशत, तिलहन पर 0.75 से बढ़ाकर 1 प्रतिशत किया है। मोटे अनाज पर तथा जीरा ईसबगोल पर मण्डी टैक्स 0:50 प्रतिशत ही रहेगा। बजट घोषणा में मुख्यमंत्री ने कृषक कल्याण फीस 0.50 प्रतिशत ही रखने की घोषणा की है। गुप्ता ने बताया कि फल और सब्जी पर आढ़त 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी है।
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