जयपुर
प्रदेश में 108 व 104 की एंबुलेंस सेवाएं पिछले दो दिन से पूरी तरह से ठप पड़ी हैं। इसके बाद भी सरकार ने न तो हड़ताल से प्रभावित लोगों की कोई सुध ली है और न आंदोलनकारी एम्बुलेंसकर्मियों से वार्ता करने की कोई पहल की है। पीड़ित लोग परेशान हो रहे हैं। बीमार लोगों को जैसे-तैसे अपने स्तर पर व्यवस्थाएं करके चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है। आज राजधानी जयपुर में प्रदेशभर से आए हजारों एम्बुलेंसकर्मियों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपनी ताकत दिखाई।
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आज एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के सामने पूरे प्रदेश से करीब 3000 एम्बुलेंस कर्मचारियों द्वारा धरना – प्रदर्शन किया गया। प्रदेश के अधिकतर एंबुलेंस कर्मचारी जयपुर लगातार पंहुच रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 108 और 104 के साथ ममता एंबुलेंस के कर्मचारियों ने भी रविवार से चक्का जाम कर दिया। एम्बुलेंसकर्मियों के तेवरों को देखते हुए सोमवार को यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
ये कर्मचारी ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें वेतन के नाम पर जो मिल रहा है उससे उनके परिवार का भरणपोषण नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि एंबुलेंस के कर्मचारी लंबे समय से सेवा दे रहे हैं। उनकी सैलरी आज भी 8 से 10 हजार के बीच है, जबकि यूटीबी में लगे लोगों की सैलरी सरकार ने बढ़ाकर 37 हजार कर दी है। ऐसे में उनकी भी सैलरी को बढ़ाया जाए और यूटीबी की तर्ज पर सैलरी 8 घंटे ड्यूटी व समान काम समान वेतन किया जाए।
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राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष सूजाराम सारण और कालूलाल गुर्जर ने दुःख व्यक्त किया कि पूरे प्रदेश में 108 व 104 एंबुलेंस सेवा पिछले 48 घंटे से पूरी तरह ठप है। लेकिन सरकार की तरफ से किसी प्रकार से एंबुलेंस कर्मचारियों की सुनवाई नही हो रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन 2800 से 3200 मरीजों को यह एंबुलेंस सेवा से लोगों को आपातकालीन स्थिति में हॉस्पिटल पंहुचाती हैं, लेकिन आज सरकार की हठधर्मिता के कारण एक्सीडेंट, मेडिकल इमरजेंसी ,आगजनी, प्रसूता महिला सहित सबको परेशानियों का सामना करना पद रहा है।
आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि यह एंबुलेंस सेवा चिकित्सा विभाग की सभी सेवाओं में से सबसे महत्वपूर्ण सेवा होने के बाद भी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया जा रहा है। यदि समय रहते सरकार ने किसी तरह से कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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