बड़ी खुशखबरी: राजस्थान के स्कूलों में 11 हजार 353 उप प्रधानाचार्य के पद होंगे सृजित, बीएडधारियों की भी सरकार ने ली सुध

जयपुर 

राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग से जुड़े कई बड़े फैसले लिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में उनके निवास पर हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में राजस्थान के स्कूलों में 11 हजार 353 उप प्रधानाचार्य के पद सृजित करने का फैसला किया गया। वहीं बीएड ( BEd) में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी राहत देने का फैसला किया गया।

समीक्षा बैठक में किए गए फैसलों के अनुसार प्रदेश के 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पदों का सृजन होगा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3 हजार 533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को डाइंग कैडर घोषित किया जाएगा इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाए जाएंगे इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद भी सृजित किए जाएंगे इस निर्णय से स्कूल शिक्षा में व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे

सीएम गहलोत ने प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के उन्नयन, व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के साथ रीट परीक्षा-2021 पास कर चुके बीएड के अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्यापक भर्ती-2021 में आवेदन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए निर्णय किया

कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है ऐसे  अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक के साथ ही प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा इस निर्णय से बड़ी संख्या में बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थी अध्यापक सीधी भर्ती के पात्र हो सकेंगे

हजारों व्याख्याताओं को मिलेगी पदोन्नति
बैठक में अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने पर भी विचार विमर्श किया गया शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग चली आ रही थी मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों व्याख्याताओं को पदोन्नति का मौका मिल सकेगा साथ ही इससे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा

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