जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक – 2023 के माध्यम से स्क्रीनिंग कर पात्र अस्थायी अध्यापकों को अब नियमित किया जा सकेगा। इसके लिए सोमवार को विधान सभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक – 2023 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
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उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि इससे पूर्व वर्ष 2008 में राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) अध्यादेश लाया गया था। बाद में इसे अध्यादेश का प्रतिस्थापक विधेयक विधान सभा में पारित कराया गया। इस अध्यादेश एवं अधिनियम के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में अस्थायी रूप से कार्यरत 300 से अधिक शिक्षकों को स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से पात्र पाये जाने पर सम्बन्धित विश्वविद्यालयों की सेवा में स्थायी किया गया था।
यादव ने बताया कि राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया कि वर्ष 2008 से पूर्व विश्वविद्यालय में कार्यरत कुछ अस्थायी शिक्षक/योग प्रशिक्षक 2008 के अध्यादेश में कवर होने से रह गए। अत: राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों एवं योग प्रशिक्षकों को स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से पात्र पाये जाने पर स्थायी किये जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 2008 के आमेलन अधिनियम में अस्थायी शिक्षक की परिभाषा को संशोधित करने व मूल अधिनियम के द्वारा आमेलन हेतु निर्धारित 180 दिवस की अवधि में छूट देते हुए राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक (अस्थायी अध्यापकों का आमेलन) (संशोधन) विधेयक – 2023 लाया गया है।
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