टोंक
ACB ने गुरुवार को टोंक जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पटवारी को साठ हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया जबकि नायब तहसीलदार फरार हो गया। उन्होंने एक परिवादी से जमीन बंटवारे का फैसला पक्ष में देने के एवज में डेढ़ लाख की घूस मांगी थी।
गिरफ्तार आरोपी का नाम टोंक के निवाई क्षेत्र के पहाड़ी गांव के हलका पटवारी जितेंद्र बैरवा है। इस कार्रवाई की भनक लगते ही निवाई का नायब तहसीलदार ओमप्रकाश सिंह मौके से फरार हो गया। एसीबी फरार हुए आरोपी नायब तहसीलदार ओमप्रकाश सिंह के आवास और ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है।
ACB टोंक के ASP राजेश आर्य ने बताया कि न्यायालय सहायक कलक्टर निवाई में कमला बनाम नारायण का तकासमा का वाद चल रहा है। निवाई निवासी एक किसान ने एसीबी को शिकायत दी थी कि पहाड़ी गांव के हलका पटवारी जितेंद्र बैरवा व निवाई नायब तहसीलदार ओमप्रकाश सिंह इस प्रकरण में जमीन के बंटवारे के मामले में फैसला उसके पक्ष में करने की एवज में डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की मांग रहे हैं।
सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। इस पर एसीबी की टीम ने आरोपियों को रंगे हाथों ट्रैप करने का प्लान बनाया, लेकिन पीड़ित के पास डेढ़ लाख रुपए नहीं थे। इस पर एसीबी की टीम ने 200 रुपए के नोटों की गड्डियों के ऊपर 500 रुपए रखकर इस तरह तीन बंडल बनाकर पटवारी जितेंद्र बैरवा को दिए कि नोट देखने मे डेढ़ लाख से कम नहीं लगे। पटवारी ने डेढ़ लाख रुपए समझकर अपने पास रख लिए। जिसे ब्यूरो ने मौके से बरामद किया है।
एएसपी ने बताया कि पीड़ित ने निवाई तहसील ऑफिस से कुछ ही मीटर की दूरी पर कार में बैठे पटवारी जितेंद्र बैरवा को रिश्वत के 60 हज़ार रुपए दे दिए। उसके बाद उसने ACB की टीम ने इशारा पाकर कार से पटवारी जितेंद्र बैरवा को पकड़ लिया। मामले में दूसरे आरोपी निवाई नायब तहसीलदार ओमप्रकाश सिंह एसीबी की टीम पकड़ती, उससे पहले ही वह फरार हो गया।
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