राजस्थान स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत गाइड लाइन जारी कर कच्चे परकोटे पर पट्टा दिलवाने की मांग

भरतपुर 

कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति भरतपुर के प्रतिनिधि मण्डल ने संयोजक जगराम धाकड़  के नेतृत्व में मंगलवार को अयोजित जनसुनवाई में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को एक ज्ञापन देकर मांग की कि  भरतपुर शहर के चारों ओर स्थित गैर मुमकिन परकोटा (कच्चा डण्डा) पर वर्षों से काबिज  दो हजार परिवारों को नगर पालिका (शहरी भूमि निष्पादन) 1974 के तहत जारी सरकारी आदेशों को निरस्त कराकर राजस्थान स्टेट ग्रान्ट एक्ट  के तहत गाइड  लाइन  जारी कराया जाकर पट्टे दिलाए जाएं।

ज्ञापन में कहा  गया कि स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 8 मार्च, 2022 को भरतपुर शहर के चारों ओर स्थित मिट्टी के कच्चे परकोटे पर बसे लोगों के कब्जे की भूमि का पट्टा जारी करने के सम्बन्ध में सर्वे प्लान अनुसार उपलब्ध रिक्त भूमि को चिन्हित किया जाकर भूमि का राजस्थान नगर पालिका (शहरी भूमि निष्पादन) नियम 1974 के अन्तर्गत नियमानुसार निगम हित में निष्पादन किया जाने के आदेश जारी किए  गए। जो कच्चे डण्डे पर काबिज सघन आवादी पर लागू नहीं होते हैं। ज्ञापन में बताया  गया कि शहरी भूमि निष्पादन नियम 1974 के नियम निकाय द्वारा बनाई  गई योजनओं पर लागू होते हैं।

प्रतिनिधि मण्डल ने अवगत कराया कि शहर के कच्चा परकोटा पर 45-50 वर्षों से बसी बस्तियां राजस्थान स्टेट ग्रान्ट एक्ट 1961 के अन्तगर्त आती हैं और कच्चा परकोटा पर बसे लोग स्टेट ग्रान्ट एक्ट के मापदण्डों को पूरा करते हैं।

ज्ञापन में मांग की गई कि कच्चा परकोटा की राजकीय गैर मुमकिन भूमि नगर निगम भरतपुर के अधिकार क्षेत्र की काबिज मकानात की भूमि है। ज्ञापन में राज्य सरकार पर दोहरे मापडण्ड अपनाने का आरोप  लगाते हुए कहा कि नगर निगम जयपुर में इसी प्रकार की गैर मुमकिन  बंजर भूमि पर बसी सघन आबादी  पर काबिज लोगों को 7.09.2017 को स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत पट्टे जारी करने के दिशा निर्देश जारी कर पट्टे देने की कार्यवाही की जा रही है। लेकिन भरतपुर शहर के परकोटे के पट्टे देने के लिए भौगोलिक मौके की वस्तुस्थिति  के विरूद्ध दिशा-निर्देश जारी प्रकरण को लटकाने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रतिनिधि मण्डल के नेताओं के अनुसार मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने उक्त प्रकरण पर कार्यवाही करने का पूर्णआश्वासन दिया। प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व नेता प्रतिपक्ष इन्द्रजीत भारद्वाज, प्रहलाद गुप्ता, राजवीर चौधरी, भागमल वर्मा, मानसिंह, सागर, जगदीश खण्डेलवाल आदि शामिल थे।

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