नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो
अब आप सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अहम मामलों यानी स्पेशल केसों की सुनवाई को टीवी पर लाइव देख सकेंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का खुद का एक टीवी चैनल जल्दी आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ई कमेटी इस बारे में गहन विचार विमर्श कर रही है। जल्दी ही कमेटी इस पर फैसला भी करेगी। हो सकता है नवंबर 2022 के बाद जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के मुख्य न्यायाधीश कार्यकाल में यह कल्पना हकीकत में बदल जाए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने संसद की कार्यवाही के सीधे प्रसारण का हवाला देते हुए चार साल पहले अदालत की कार्यवाही यानी जनता से जुड़े मुकदमों की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने का आदेश दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल केसों की लाइव प्रसारण के लिए अलग से टीवी चैनल की बात काफी आगे बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट की ई कमेटी जल्दी ही इस बारे में फैसला लेगी।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और ई-कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि संसद टीवी की तर्ज पर सुप्रीम कोर्ट का एक अलग चैनल होगा। उस पर सर्वोच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण मुकदमों की सुनवाई और कार्यवाही का सीधा प्रसारण मुमकिन होगा।
अभी आंशिक रूप से हो रहा है सीधा प्रसारण
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का आंशिक रूप से सीधा प्रसारण तो हो ही रहा है। 20 मार्च 2020 से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही ऑनलाइन यानी वर्चुअल मोड में दो साल तक चली। ये व्यवस्था भी सीधे प्रसारण जैसा ही है। फिलहाल इसे देखने का अधिकार कुछ अधिकृत लोगों को ही दिया गया है।
वकीलों की दक्षता में आएगा सुधार
जस्टिस चंद्रचूड़ के इस ऐलान से वकीलों में भी उत्साह है। उनका कहना है कि सीधे प्रसारण से वकीलों की दक्षता में भी सुधार आएगा। वहीं वादी-प्रतिवादी अपने मुकदमों पर अपने वकीलों की दलीलों पर नजर रख सकेंगे। वे यह जान सकेंगे कि अदालत ने क्या आदेश दिया है।
वैसे आपको बता दें कि अब तक कर्नाटक और गुजरात हाईकोर्ट में अपनी पूरी कार्यवाही के सीधे प्रसारण का इंतजाम किया हुआ है, लेकिन वहां अपना कोई चैनल नहीं बल्कि यूट्यूब पर कोई भी नागरिक इन दोनों हाईकोर्ट की सुनवाई को देख सकता है, हालांकि फिलहाल इन दोनों कोर्ट के पास अपना टीवी चैनल नहीं है।
कई देशों में होता है सीधा प्रसारण
ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय न्यायालय और यूरोप का मानवाधिकार न्यायालय भी अपनी कार्यवाही का सीधा प्रसारण करता है। इन अदालतों की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। उन्हें कोई भी जरूरत के मुताबिक डाउनलोड भी कर सकता है।
लॉकडाउन के दौरान मार्च 2020 से मोबाइल ऐप से सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी मुकदमों से संबंधित वकील और पत्रकार ई कोर्ट यानी वर्चुअल हियरिंग को देखते सुनते हैं। इस मोबाइल ऐप के जरिए सुप्रीम कोर्ट की फिलहाल 17 पीठों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखा जाता है।
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