जयंती | राष्ट्रीय युवा दिवस
डॉ. सत्यदेव आज़ाद
वेदों के ज्ञाता और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानन्द ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई। परोपकार, भाईचारा, प्रेम, आत्मसम्मान, शिक्षा और महिला मुक्ति के लिए उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और भविष्य में भी लोगों को रास्ता दिखते रहेंगे। भारत की धरती पर ऐसे कई महापुरुषों ने जन्म लिया जिनके जीवन के अनमोल विचारों और व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उनके जीवन से जुडी कुछ बातों को याद कर निराश व्यक्ति के मन में भी कुछ करने की इच्छा जाग जाती है। इन्हीं में से एक नाम आता है स्वामी विवेकानन्द का। स्वामी विवेकानन्द की कही गई प्रेणादायी बातों से आज भी हमारे भीतर जीवन में कुछ कर दिखाने का हौसला आ जाता है। अमेरिका के शिकागो में दिए उनके भाषण की चर्चा तो आज भी देश-दुनिया में होती रहती है। विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन सोसायटी की पहली नींव रखी थी। भारत में विवेकानन्द के जन्म दिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके उदार व्यक्तित्व को लोग आज भी याद करते हैं। स्वामीजी कहते हैं कि जब तक जिन्दा हो, तब तक आपको सीखना है। अनुभव जीवन का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। इससे पीछे कभी मत हटो।
(लेखक नारी चेतना और बाल बोध मासिक पत्रिका ‘वामांगी ‘ के प्रबंध संपादक हैं)
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