कोरोना
नई दिल्ली। केन्द्र ने साफ़ किया है कि कोराना टीकाकरण के पहले चरण का खर्चा भारत सरकार वहन करेगी। पर दूसरे चरण के टीकाकरण का खर्चा केन्द्र और राज्य सरकारों में से कौन कितना वहन करेगा, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है।
पहले चरण में करीब तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को ये टीके लगाए जाएंगे। दूसरे चरण में पचास वर्ष से अधिक आयु और किसी रोग से ग्रस्त पचास वर्ष से कम आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा।
भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से हो रही है।
इस अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसम्बर को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए बातचीत की और टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किए जाने पर विस्तार से चर्चा की। श्री मोदी ने कहा कि देश में बनी दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवाक्सिन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि दोनों वैक्सीन किफायती हैं तथा देश में चार और वैक्सीन विकसित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण में तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने देशवासियों को कारगर तरीके से टीके लगाने के लिए सभी सावधानियां बरती हैं।
अफवाह फैलाने वालों से रहें सतर्क
मोदी ने कहा कि सरकार ने कोविड वैक्सीन से किसी भी तरह की परेशानी से निपटने के प्रबंध किए हैं। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टीकाकरण के दौरान अफवाहें न फैलाने को सुनिश्चित बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के भीतर और बाहर कुछ स्वार्थी लोग अफवाहों को हवा देने का काम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टीकाकरण अभियान का सबसे महत्वपूर्ण काम उन लोगों की पहचान और निगरानी करना है जिन्हें टीके लगाने की आवश्यकता है। इसके लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आधार कार्ड नम्बर की मदद से लाभार्थियों की पहचान कर समय पर दूसरी खुराक दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। मोदी ने इसे भी सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि टीकाकरण से संबंधित रियल टाइम डाटा को-विन पर अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को पहला टीका लगाए जाने के बाद, को-विन तत्काल एक डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी करेगा। यह प्रमाणपत्र दूसरे टीके की ओर ध्यान दिलाएगा, जिसके बाद अंतिम प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है।
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