नई दिल्ली
इनकम टैक्स बचाने के लिए दान के नाम पर खेल कैसे खेला जाता है; आप भी जानकार हैरान रह जाएंगे। इनकम टैक्स विभाग की नजर में ऐसा एक बड़ा खेल सामने आया है। विभाग ने अभी तक ऐसे आठ हजार लोगों को आइडेंटिफाई कर उनको नोटिस थमा दिए हैं। आने वाले दिनों में इसी तरह के और नोटिस भी जारी किए जा सकते हैं। विभाग ने उन चैरिटेबल ट्रस्ट की भी पड़ताल शुरू कर दी है जो इस तरह के खेल में शामिल रहे हैं।
दरअसल इनकम टैक्स बचाने के लिए लोग कई रास्ते निकाल रहते हैं। इन्हीं में से एक है दान कर देना। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में सामने आया है कि लोग इसकी आड़ में टैक्स चोरी का बड़ा खेल; खेल रहे हैं। यह मामला भी तब पकड़ में आया जब ऐसे लोग टैक्स बचाने के चक्कर में गलती कर बैठे। और ऐसे आठ हजार लोगों को डिपार्टमेंट ने नोटिस थमा दिए हैं। यदि आपने भी टैक्स बचाने के चक्कर में मोटा डोनेशन दिया है तो वह आप पर भी भारी पड़ सकता है।
इनकम और खर्च से मेल नहीं खाता डोनेशन
फिलहाल डिपार्टमेंट ने जिन आठ हजार लोगों को आइडेंटिफाई किया है; ये वे लोग हैं जिन्होंने टैक्स बचाने के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट को मोटा दान दिया है। विभाग को शक है कि इन लोगों ने चैरिटेबल ट्रस्ट को डोनेशन देने के नाम पर टैक्स चोरी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयकर विभाग को डाटा एनॉलिटिक्स से पता चला है कि 8000 लोगों ने टैक्स बचाने के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट को जो डोनेशन दिया, वो उनकी इनकम और खर्च से मेल नहीं खाता है। जिन लोगों को इनकम टैक्स का नोटिस थमाया गया है, उनमें नौकरीपेशा से लेकर अपना काम-धंधा करने वाले लोग भी शामिल हैं।
मिलीभगत के कनेक्शन की भी जांच
जानकारी मिली है कि विभाग इस टैक्स चोरी में मिलीभगत के कनेक्शन की भी जांच करने जा रहा है। इसके तहत उन टैक्स प्रोफेशनल्स (जैसे CA) का भी पता लगाया जा रहा है, जिन्होंने इस तरह के लेनदेन करने वाले लोगों की मदद की है। ये सभी लेन-देन साल 2017-18 से लेकर 2020-21 के दौरान किए गए हैं। इन सभी लोगों को मार्च से लेकर एक अप्रैल के बीच नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसी तरह के और नोटिस भी जारी किए जा सकते हैं।
टैक्स बचाने के लिए डोनेशन के नाम पर ऐसे होता है खेल
इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजनेस के मामले में, खासकर छोटे कारोबार में, चैरिटेबल ट्रस्टों को दान की गई राशि उनकी कमाई से कहीं ज्यादा थी। कैश में किए गए दान में से कमीशन काटने के बाद दान की एक रसीद के साथ यह राशि करदाता को वापस कर दी जाती है जिससे करदाता टैक्स भरने से बच जाता है। इस तरह से ये चैरिटेबल ट्रस्ट टैक्स बचाने का बड़ा जरिया बनकर उभरे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इनकम टैक्स के नियमों के तहत चैरिटेबल ट्रस्ट को दिए गए डोनेशन पर टैक्स छूट मिलती है। ऐसे में बहुत से लोगों पर फर्जी डोनेशन दिखाकर टैक्स छूट लेने का शक है।
चैरिटेबल ट्रस्ट की पड़ताल
यह मामला सामने आने के बाद अब इनकम टैक्स विभाग उन चैरिटेबल ट्रस्ट की पड़ताल कर रहा है जो इस तरह के लेन-देन में शामिल रहे हैं। इसके अलावा आयकर विभाग निष्क्रिय राजनीतिक दलों को भी दिए जाने वाले चंदे की अलग से जांच कर रहा है और पहले ही कई नोटिस भेज चुका है। अब जिन लोगों को टैक्स नोटिस मिलेगा, उनको इस पर जवाब देना होगा। अगर विभाग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सेक्शन 80जी के तहत इनको डोनेशन करने पर मिलती है छूट
दरअसल इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80जी के तहत चैरिटेबल ट्रस्टों या संस्थाओं को दान की गई राशि पर टैक्स छूट मिलती है। इनकम टैक्स विभाग ने चैरिटेबल ट्रस्ट को 100 फीसदी और 50 फीसदी कर कटौती का दावा करने वाली संस्थाओं की कैटेगरी में बांटा है। फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया, रेड क्रॉस सोसाइटी ऑफ इंडिया, फैमिली प्लानिंग को बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्था या खेलों को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित संघ या संस्था आदि को दान देने पर 100 फीसदी टैक्स छूट मिलती है।
वहीं अधिसूचित मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च या अन्य धार्मिक स्थानों की मरम्मत या नवीनीकरण की मद में दान करने पर 50 फीसदी कर कटौती का लाभ मिलता है। जिन भारतीय नागरिकों या अप्रवासी भारतीयों ने चैरिटेबल ट्रस्ट, धार्मिक संस्थानों, या संघों को दान किया है, वे धारा 80जी के तहत अपनी कुल इनकम से टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। हालांकि, टैक्स कटौती का दावा करने के लिए करदाताओं को पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनना होगा।
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