नई दिल्ली
राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया है। पार्टी ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद उनके नाम पर सहमति बनी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे।
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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान करते वक्त इस बात पर जोर दिया कि इस बार एक महिला राष्ट्रपति को मौका मिलना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि देश को पहली बार आदिवासी समुदाय से एक राष्ट्रपति देने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि इस बार पूर्वी भारत से किसी को मौके देने पर सभी के बीच में सहमति बनी थी। हमने इस बात पर भी विचार किया कि अभी तक देश को आदिवासी महिला राष्ट्रपति नहीं मिली हैं। ऐसे में बैठक के बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगाई गई।
उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में लंबे समय तक शिक्षक के रूप में काम किया। जिस प्रकास से सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे थे, वैसे ही द्रौपदी मुर्मू ने भी एक अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी द्रोपदी मुर्मू के नाम का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन गरीबों की सेवा में निकाला है। उन्हें कई सालों का प्रशासनिक अनुभव है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे एक बेहतरीन राष्ट्रपति साबित होंगी। उनके नाम का ऐलान कर पार्टी ने एक तरफ आदिवासी समुदाय को साधने का काम किया है तो वहीं दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण को लेकर भी संदेश दिया है।
पहली आदिवासी राज्यपाल
द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनाई गई थीं। वे साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। राज्यपाल का पद संभालने से पहले द्रौपदी मुर्मू बीजेपी की S.T. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रह चुकी थीं। इसके अलावा एक विधायक के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने शानदार काम किया। उन्हें साल 2007 में नीलकंठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। तब ओडिशा विधानसभा की तरफ से उन्हें वो अवॉर्ड दिया गया था। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू ने अपने काम से हमेशा ही सभी के दिलों को जीता है।
ओडिशा की रहने वाली हैं 64 साल की मुर्मू
64 साल की द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं। वे ओडिशा के ही रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली उड़िया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। इससे पहले भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रहीं। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल भी रही हैं।
18 जुलाई को होगा चुनाव
देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा। इसकेलिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है। 18 जुलाई को मतदान होना है। नतीजों की घोषणा 21 जुलाई को की जाएगी।
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