महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर मंडराए संकट के बादल, एकनाथ शिंदे 30 विधायकों को लेकर पहुंचे गुजरात

मुम्बई 

कर्नाटक, मध्य प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में भी उद्धव सरकार के लिए खतरा पैदा हो गया है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ  शिंदे अपनी पार्टी  के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों को लेकर गुजरात पहुंच गए। इसी के साथ राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। यदि यह बगावत बनी रही तो  उद्धव सरकार के गिरने की नौबत तक आ सकती है

इस बीच  एकनाथ  शिंदे के बगावती स्वरों के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। उनकी जगह अजय चौधरी को कमान सौंप दी गई।  इसके बाद शिंदे ने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे। शिंदे ने 30 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में डेरा जमा रखा है। इस घटनाक्रम के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने यहां तक कह दिया है कि अगर सरकार गिरती है तो वह विपक्ष में बैठने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही है। एकनाथ शिंदे की तरफ से मुख्यमंत्री बनने जैसी कोई मांग सामने नहीं आई है। पवार ने कहा कि ये सब शिवसेना के अंदरूनी मामले हैं।

इस जादुई नंबर से बच सकती है सरकार
एकनाथ शिंदे शिवसेना में एक प्रभावी नेता हैं। यदि वह बगावत करते हैं तो उद्धव सरकार घोर संकट में घिर जाएगी। दरअसल शिंदे और भाजपा दोनों के ही लिए 37 का नंबर जादुई है। यदि 37 विधायक शिंदे जुटा लेते हैं तो उद्धव सरकार का जाना तय है। और यदि नहीं जुटा पाए तो शिंदे ने जितने विधायक जुटाए हैं उन सब की विधायकी चली जाएगी।

अभी शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। बताया जा रहा है कि  एकनाथ शिंदे के साथ अपनी पार्टी  के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों सहित कुल 30 विधायक हैं। दलबदल विरोधी कानून के मुताबिक अगर किसी पार्टी के दो तिहाई विधायक समर्थन करते हैं तो कोई भी ग्रुप पार्टी से अलग होकर अलग दल बना सकता है। एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित होने से बचने के लिए दो तिहाई यानी 37 विधायकों का समर्थन चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं  कर पाए तो ये सभी विधायक अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं और उद्धव सरकार संकट से बच सकती है।

अब उद्धव ठाकरे के पास ये है रास्ता 
उद्धव ठाकरे सरकार की प्रथमिकता यही है कि जितने भी विधायक संभव हों, वापस लाए जाएं। अगर पार्टी से बगावत करने वाले शिंदे के साथ 20 विधायक भी हैं और उन्हें अयोग्य घोषित किया जाता है तो सदन में महाविकास अघाड़ी के साथ बहुमत का संकट खड़ा हो जाएगा। ऐसे में विधायकों की संख्या लगभग एनडीए के विधायकों के करीब ही आ जाएगी। 

भाजपा ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने सरकार को लेकर कोई प्रपोजल नहीं भेजा है और न ही हमने ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें भेजा है।

घर के बाहर दीवार पर लगाते हैं बीवियों की फोटो, जानिए कहां है ये अनोखा रिवाज

दिल दहला देने वाली घटना: डॉक्टर फैमिली ने किया सामूहिक सुसाइड, दो सगे भाइयों के घरों से मिलीं नौ लाश

इस साल टाटा ग्रुप का यह शेयर कर सकता है मालामाल

वाणी के जादूगर उद्घोषकों के लिए अद्भुत पुस्तक ‘वाक्‌ कला’

आपके काम की है ये खबर: अब जल्दी ही पाइप लाइन से सीधे रसोई तक पहुंचेगी गैस, जानिए डिटेल