दिल्ली में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की ‘केंद्रीय मंथन सभा’ में बड़े फैसले | गोपालन से 1.5 अरब फलदार पेड़ों तक, संगठन विस्तार का महाअभियान शुरू

दिल्ली में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन (Rashtriy swabhiman Andolan ) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में गोपालन व्यवसाय, 1.5 अरब फलदार पेड़ अभियान, 15 नए प्रांतीय समितियों का गठन और राष्ट्रीय स्तर पर छह क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त करने जैसे बड़े निर्णय लिए गए।

नई दिल्ली 

दिल्ली में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक हुई, जहां संगठन के भविष्य के विस्तार से लेकर देशव्यापी अभियानों तक पर लंबा, ठोस और बहु-स्तरीय मंथन हुआ। बैठक में कई बड़े और दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए गए, जिन पर आने वाले महीनों में देशभर में व्यापक गतिविधियां चलेंगी।

लाभदायी गोपालन व्यवसाय का राष्ट्रीय अभियान शुरू

कार्यसमिति ने तय किया कि देशभर में “लाभदायी गोपालन” को एक संगठित व्यवसाय के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
कम से कम 10 या उससे अधिक गायों के आधार पर गोपालन उद्योग खड़ा करने की योजना बनी है। इसके तहत—

  • गोपालकों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम,
  • प्रशिक्षण शिविर,
  • और जागरूकता गतिविधियों की श्रृंखला चलाई जाएगी।

जल्द ही एक विशेष कार्यदल गठित किया जाएगा, जो इस अभियान की ज़मीन तैयार करेगा।

‘150 अरब फलदार पेड़ लगाओ’ महाराष्ट्रीय मॉडल की गूंज

विचारक और चिंतक गोविंदाचार्य के मार्गदर्शन में एक नया भव्य पर्यावरणीय अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है— 150 अरब फलदार पेड़ लगाओ’

यह अभियान देशभर में मुख्य रूप से प्रचारात्मक रूप रहेगा, लेकिन संगठन ने स्वयं अपने स्तर पर अगले 10 वर्षों में 1.5 अरब फलदार पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया है।

बैठक में पंच स्तरीय बागवानी पद्धति पर विस्तार से चर्चा हुई—

  • इससे एक हेक्टेयर में 5,000 तक फलदार पेड़ लगाए जा सकते हैं,
  • किसानों की आमदनी पारंपरिक खेती की तुलना में 5–10 गुना तक बढ़ सकती है।
    महाराष्ट्र में मयंक गांधी जी के मॉडल का हवाला भी बैठक में जोरदार रूप से आया।

दो महीनों में 15 नए प्रांतों में कार्यसमिति गठन

वर्तमान में दिल्ली, चित्तौड़, उत्तर कर्नाटक एवं दक्षिण कर्नाटक में प्रांतीय समितियाँ सक्रिय हैं।
अब संगठन ने अगले दो महीनों में कम से कम 15 नए प्रांतों में कार्यसमितियाँ गठित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राष्ट्रीय कार्यसमिति ने अलग-अलग प्रांतों में तदर्थ कार्यकारी संयोजक नियुक्त किए हैं—

  • उत्तर बिहार – अशोक कुमार (मुजफ्फरपुर)
  • दक्षिण बिहार – अजय कुमार (आरा)
  • झारखंड – विलियम हंसदा
  • कानपुर –  संदीप भदौरिया
  • हस्तिनापुर –  अमित मोहन
  • जयपुर प्रांत – अनिल जलुथरिया
  • काशी – ओमप्रकाश मिश्रा
  • महाकौशल – मुरली मनोहर श्रीवास्तव
  • हरियाणा – प्रदीप सिंह
  • छत्तीसगढ़ – प्रदीप दलाई

ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन निर्माण को गति देंगे।

छह बड़े क्षेत्रों में प्रभारी — संगठन विस्तार की नई रणनीति

अखिल भारतीय स्तर पर कार्य को छह बड़े क्षेत्रों में बाँटा गया है और उनमें प्रभारी नियुक्त किए गए हैं—

  1. राजस्थान + गुजरात – दयाराम महारिया
  2. छत्तीसगढ़ + मध्यप्रदेश + विदर्भ – भास्कर रमण
  3. पश्चिमी उत्तर प्रदेश – श्रीमती सुकर्मा चौधरी
  4. पूर्वी उत्तर प्रदेश – चंद्रशेखर मिश्रा
  5. महाराष्ट्र + गोवा – शैलेन्द्र वेलिंगकर
  6. बिहार + झारखंड – विनय भूषण

ये प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन विस्तार और समन्वय का दायित्व संभालेंगे।

न्यायपालिका सुधार अभियान जारी रहेगा

कार्यसमिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जहां भी संभव हो, देशभर में “शीघ्र, सुलभ और सस्ता न्याय” की मांग को लेकर चल रहा न्यायपालिका सुधार अभियान आगे भी जारी रहेगा।
यह अभियान संगठन के मूल एजेंडे का अहम हिस्सा बना रहेगा।

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