देहरादून
उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। अभी उन्होंने अपना इस्तीफ़ा भजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है। अब वे राज्यपाल को कभी भी अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं। तीरथ सिंह रावत ने अपने इस्तीफे में जनप्रतिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते। राज्य में कोई संवैधानिक संकट खड़ा नहीं हो, इसलिए वे अपना इस्तीफ़ा दे रहे हैं। तीरथ सिंह रावत 10 मार्च, 2021 को ही मुख्यमंत्री बनाए गए थे।
जेपी नड्डा को भेजे अपने खत में तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘मैं 6 महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता। ये एक संवैधानिक बाध्यता है। इसलिए अब पार्टी के सामने मैं अब कोई संकट नहीं पैदा करना चाहता और मैं अपने पद से इस्ताफा दे रहा हूं। आप मेरी जगह किसी नए नेता का चुनाव कर लें।’
तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छ: महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहां पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उत्तराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।
नरेंद्र सिंह तोमर पर्यवेक्षक नियुक्त
इस बीच नए सीएम की तलाश के लिए बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। तोमर 3 जुलाई शनिवार को सुबह 11 बजे देहरादून पहुंचेंगे। तोमर की मौजूदगी में ही बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। केंद्र की ओर से जो नाम भेजा जाएगा, उस पर विधायकों की सहमति लेने की कोशिश की जाएगी। फिर नए सीएम की घोषणा कर दी जाएगी।
तीरथ सिंह रावत वर्तमान समय में पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी सीट से विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी था। रावत को मुख्यमंत्री बने 10 सितंबर को छह महीने पूरे हो जाएंगे। कोविड-19 की परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड में उप-चुनाव भी अभी तक नहीं हुए हैं। अब चार महीने में दुबारा मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
सतपाल महाराज व धन सिंह रावत के नामों की चर्चा
आपको बता दें कि भाजपा उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों में जिताऊ चेहरे की तलाश कर रही है। केंद्रीय नेतृत्व यह पहले ही तय कर चुका था कि चुनावों में तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री होने के बाद भी चेहरा नहीं होंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा में भावी नेतृत्व के लिए जो नाम उभरे हैं उनमें सतपाल महाराज व धन सिंह रावत के नामों की चर्चा है।
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