जयपुर
जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA ) के एक्सईएन (XEN) निर्मल कुमार गोयल जयपुर के विकास के बजाए ‘ अपना विकास प्राधिकरण’ को विकसित करने में लगे थे। ACB की अब तक के सर्च कार्रवाई से तो यही लगता है। एसीबी का सर्च अभियान 2 जुलाई को भी जारी रहा। ताजा सूचनाओं के अनुसार ACB ने एक जुलाई को प्रदेश के जिन तीन अफसरों के 14 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई की थी, उनके यहां बेहिसाब दौलत मिल रही है। ये छापे जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA ) के एक्सईएन (XEN) निर्मल कुमार गोयल, चित्तौडग़ढ़ में परिवहन अधिकारी (RTO ) मनीष कुमार शर्मा और जोधपुर में पुलिस निरीक्षक (CI) प्रदीप कुमार शर्मा के ठिकानों पर मारे गए थे।
जेडीए एक्सईन निर्मल गोयल के पास आय से 1450 फीसदी अधिक, जोधपुर के सूरसागर थानाधिकारी प्रदीप शर्मा के पास 333 प्रतिशत अधिक और चित्तौड़गढ़ के डीटीओ मनीष कुमार शर्मा के पास आय से 232 फीसदी अधिक सम्पत्ति मिली है।
इन अफसरों में से जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA ) के एक्सईएन (XEN) निर्मल कुमार गोयल ने तो इतनी दौलत इकट्ठी कर ली कि उन्होंने ‘अपना विकास प्राधिकरण’ ही बना लिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एक्सईएन (XEN) निर्मल कुमार गोयल के यहां तीन लॉकर की तलाशी में करीब 80 लाख रुपए कीमत का सोना, चांदी और डायमंड के आभूषण मिले हैं। गोयल के 3 लॉकर में 5.50 लाख नकद, 1 किलो 3 ग्राम सोना, 6 लाख कीमत का डायमंड सेट, 1.40 लाख की चांदी मिली है. इसके अलावा अमेरिका और यूरोप की यात्रा के प्रमाण आदि भी मिले हैं।
वहीं चित्तौडग़ढ़ में परिवहन अधिकारी मनीष कुमार शर्मा के पास की पत्नी के नाम 1.40 करोड़ रुपए कीमत की 4 लग्जरी बसों के दस्तावेज मिले हैं। मनीष कुमार के जयपुर स्थित फ्लैट पर एसीबी सर्च कर रही है। जोधपुर में पुलिस निरीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा के पास 11 लाख रुपए कीमत के आभूषण मिले। पुलिस निरीक्षक प्रदीप के बीकानेर आवास में सर्च जारी है।
शिप्रापथ थाना पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इधर जेडीए एक्सईएन निर्मल कुमार गोयल के आवास पर देशी और विदेशी शराब की बोतलें मिलने पर शिप्रापथ थाना पुलिस ने आबकारी एक्ट का मामला दर्ज किया है। एसीबी को सर्च में एक्सईएन गोयल के जय क्लब और झालाना क्लब की सदस्यता व इसमें खर्च की गई रकम की रसीदें भी मिली हैं। एक महंगी मोटर साइकिल और दो ट्रेक्टरों के कागजात मिले हैं।
3 गुना अधिक सम्पत्ति की जानकारी मिलने पर सर्च
एसीबी सूत्रों के मुताबिक, आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में आरोपी व्यक्ति के पास आय से कम से कम दो से तीन गुना अधिक सम्पत्ति होने की जानकारी जुटाई जाती है। इसके बाद एसीबी आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज करती है। वहीं आय से अधिक सम्पत्ति में कम से कम 10 से 12 प्रतिशत अधिक सम्पत्ति मिलने पर चार्जशीट पेश करती है।
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