श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भूमि सौदों में गड़बड़ी को किया ख़ारिज, कहा; मंदिर निर्माण में बाधा डालने की कोशिश

लखनऊ 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि  सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर कड़ा प्रतिवाद जारी किया और कहा है यह मंदिर निर्माण में बड़ी बाधा डालने की कोशिश है। यह प्रतिवाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि की ओर से जारी किया गया है

स्वामी गोविंद देव गिरि ने विभिन्न प्रसार माध्यमों के जरिए आ रही भूमि सौदे की सूचनाओं को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस मामले में प्रकाशन से पहले किसी प्रकार की जानकारी अथवा स्पष्टीकरण न्यास से प्राप्त करने के सामान्य शिष्टाचार का पालन भी नहीं किया गया। गिरि ने कहा कि खुद को राजनीतिक या धार्मिक शख्सियत बताने वाले कुछ लोग गलत भावनाओं के तहत अफवाहें फैलाकर राम मंदिर निर्माण में बाधा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि पिछले 15-20 दिनों से कुछ लोग विभिन्न चैनलों के जरिए अयोध्या में भूमि सौदों में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इन आरोपों के बीच स्पष्ट किया कि मंदिर की जमीन के आसपास की जमीनों के अधिग्रहण के कई कारण हैं। इसमें वास्तु के साथ-साथ भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने और दर्शन के लिए खुलने के बाद बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधा को ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण की योजनाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों तक वह लगातार वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ मिलकर भूमि खरीद सौदे के सभी कागजातों की अच्छी तरीके से जांच  की है। भूमि के सौदों में कहीं भी कोई कमी नहीं पाई गई है। स्वामी गिरि ने आश्वस्त किया है कि जितनी भी जमीनों का अधिग्रहण ट्रस्ट की ओर से किया गया है, उन सभी को बाजार दरों से कम कीमत पर खरीदा गया है। पैसे का लेनदेन बैंकों के जरिए कानूनी और पारदर्शी तरीके से किया गया है। उन्होंने कहा, अगर आरोप लगाने वाले लोग हमें उसी स्थान पर इससे भी सस्ती जमीन दिलाने में मदद कर सकते हैं, तो ट्रस्ट उनका कृतज्ञ रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भगवान श्रीराम मंदिर का काम पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ चलता रहेगा।’

उन्होंने कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि किसी प्रकार की वैधानिक अनियमितता हमें नहीं दिखी। न्यास के लिए आवश्यक होने के कारण यह कार्य किया गया। भूमि प्राप्त करने के सभी नियमों का इस कार्य में पालन किया गया है। धन का आदान-प्रदान केवल बैंक से बैंक द्वारा किया गया। न्यास द्वारा भूमि का क्रय वर्तमान बाजार दर से भी कम दर पर किया गया है। इसलिए न्यास के द्वारा किसी प्रकार की वैधानिक अनियमितता के आरोप सर्वथा निराधार हैं।




 

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