लखनऊ | नई हवा ब्यूरो
डीजीजीआई की रेड में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में अफसरों को काली कमाई का एक ऐसा खजाना हाथ लगा है जिसे संभालते-संभालते उनके हाथ थक गए। पर अभी तक पूरा हिसाब-किताब नहीं लग पाया है। आप भी इस खजाने के बारे में जानकर दंग रह जाएंगे। 500 चाबी और 18 लॉकरों में यह खजाना छुपा हुआ था। दीवारों से भी नोटों और सोने की बरसात हो रही है। इसमें अभी तक 275 किलो सोना, करोड़ों की नकदी और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद बरामद हो चुके हैं। सोमवार को देर शाम यह खबर आप तक पहुंचाने तक गणना जारी थी।
यह बेशुमार काली दौलत मिली है कानपुर में कन्नौज के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर। छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम को अभी तक पीयूष जैन के यहां एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति मिल चुकी है। अभी भी पीयूष जैन के घर की दीवारों से कैश व सोना बरस रहा है। टीम 194 करोड़ से ज्यादा तो नकदी बरामद कर चुकी है। जिस अलमारी में कटर चल रहे हैं, उनसे नोटों की बारिश हो रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय स्टेट बैंक के कई अधिकारी भी कन्नौज में पीयूष जैन के घर पर हैं। डीजीजीआई ने बताया कि पीयूष जैन के घरों से अब तक 194 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुए। फिलहाल अभी ऑपरेशन जारी। वहीं, कारोबारी पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। रविवार रात को गिरफ्तार करने के बाद पीयूष जैन को आज रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।

जीएसटी की टीम ने पीयूष जैन को सोमवार की शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया। जीएसटी अधिकारी उसे जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया। जीएसटी के विशेष अभियोजन अधिकारी अंबरीश टंडन ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए और आरोपित का जेल रिमांड मांगा। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जताते हुए रिमांड निरस्त करने की अपील की गई। दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि रिहायशी परिसर से बरामद नकदी बिना जीएसटी के माल की बिक्री से जुड़ी है।

नोटों के बंडलों से भर गए बोरे
इस इत्र कारोबारी के पास 1000 करोड़ रुपए से भी अधिक की संपत्ति होने की बात सामने आई है। ये इससे भी ज्यादा हो सकती है। कानपुर के बाद अब टीम पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास पर भी छापेमारी कर रही है। उसके अब तक 7 घरों पर छापेमारी की जा चुकी है जहां पर लॉकर, तहखाना, बेड व दीवारों में छिपे हुए नोटों के बंडल मिले हैं। कन्नौज में पीयूष के घरों की दीवारें सोना उगल रही हैं जबकि जमीन से कैश के बंडल निकल रहे हैं।
कानपुर से दिल्ली तक प्रॉपर्टी ही प्रॉपर्टी
डीजीजीआई ने जो दस्तावेज अभी तक खंगाले हैं उनके अनुसार इस इत्र व्यापारी पीयूष जैन के पास कन्नौज, कानपुर, लखनऊ व दुबई में दर्जनों प्रॉपर्टी हैं। और यह सभी प्रॉपर्टी पॉश इलाके में स्थित है। दुबई में दो प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। कन्नौज में 7, दिल्ली में 1, मुंबई में दो व कानपुर में चार संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है।
चाबियां लगाते-लगाते थक गए, अब एक्स-रे मशीन मंगवाई
पीयूष जैन के घर की दीवारों में इअतने खाने बने हुए हैं कि उनको खोलते-हटाते अधिकारी थक चुके हैं। जांच के दौरान टीम को 500 चाबी व 18 लॉकर मिले हैं। घर की दीवारें सोना उगल रही हैं। घर के अंदर तहखाना बना हुआ है। जिसमें नोटों के बंडल मिल रहे हैं। बोरियों में पैसा भरा हुआ मिला है। अब तक जांच कर रही टीम ने 350 फाइलें और 27 दस्तावेज जुटाए हैं।
तहखाने की जांच करने के लिए टीम को एक्स-रे मशीन मंगानी पड़ी है। जिसकी मदद से यह देखा जाएगा कि घर के नीचे कहां-कहां पर सोना छुपा कर रखा गया है। खजाने की तलाश व कीमती वस्तुओं की जांच के लिए पुरातत्व विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया है।
कन्नौज स्थित घर पर जीएसटी इंटेलिजेंस, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और आयकर विभाग के संयुक्त छापे के दौरान 275 किलो का सोना-चांदी बरामद हुआ। इसमें 250 किलो चांदी और 25 किलो सोना है। छापे में करीब 194 करोड़ से ज्यादा नकद भी बरामद हुई है। इस संयुक्त रेड को ऑपरेशन बिग बाजार नाम दिया गया है।
बेहिसाब दौलत, पर चलता है बाइक से
इस इत्र व्यापारी के पास बेहिसाब दौलत मिली है, लेकिन खुद लोगों को घोखे में रखने के लिए मोटरसाइकिल से चलता था। जिसके घर में बेशुमार नकदी राखी हो, तो कम से कम दो-चार कारों का होना बेहद मामूली बात है लेकिन पीयूष जैन का हिसाब-किताब बल्किुल अलग था। पैसे की गंध भी बाहर न आ पाए, इसके लिए रहन-सहन बेहद साधारण था। 15 साल पुरानी गाड़ी बेचकर हाल में नई गाड़ी ली थी लेकिन पीयूष खुद बाइक पर चलते हैं। उन्होंने आलीशान कोठी बनवाई है लेकिन उसके पीछे की वजह अब सामने आ गई है
नोटों को भरने के लिए उन्होंने घर की सुरक्षा पर जमकर खर्च किया। पूरे घर की बाउंड्री को चारों तरफ से लोहे की कंटीली बाड़ से घेरा लेकिन सीसीटीवी कैमरा एक भी नहीं लगाया। डीजीजीआई अफसर उस समय हैरत में पड़ गए जब वह बाइक से घर आए। इतना ही नहीं, बैंक डिटेल्स की जांच में पाया कि अभी तक पीयूष के पास 15 साल पुरानी क्वालिस थी। हद से ज्यादा घिसने के बाद क्वालिस को बेचकर इनोवा खरीदी थी लेकिन वह खुद बाइक पर चलते थे।
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