जयपुर
भजनलाल सरकार ने फिर एक बड़ा कदम उठाते हुए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के अधीन निकायों में सेवानिवृत्ति उपरांत समेकित पारिश्रमिक, संविदा, पे-माइनस पेंशन अथवा अन्य किसी भी माध्यम से कार्यरत रिटायर कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इन संस्थाओं में 2 हजार से ज्यादा रिटायर्ड कर्मचारी काम पर लगे थे।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के निर्देश पर दोनों विभागों ने संयुक्त आदेश जारी किया है। आदेश में निर्देशित किया गया है कि पालना रिपोर्ट बुधवार को ही भिजवाई जाए।
आपको बता दें कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने भी सेवानिवृत्ति के बाद लगे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से ही संविदा कर्मियों और रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन लेकर काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाएं सरकार की ओर से समाप्त की जा रही है।
बताया जा रहा है कि तत्कालीन गहलोतसरकार के समय हर महीने करोड़ों रुपए सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों पर ही खर्च किया जा रहा था। उस समय बड़ी संख्या में यूडीएच, डीएलबी, जेडीए सहित कई निकायों में सलाहकार के नाम पर सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को तैनात किया गया था। इनकी जांच कराई तो सामने आया कि जिस मकसद से इन्हें रखा गया था, वो काम हो नहीं रहे है। इसीलिए यूडीएच मंत्री की पहली समीक्षा बैठक के बाद ही बेवजह लगे सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को हटाने के संबंध में चर्चा हुई थी।
इससे पहले सरकार ने पिछले दिनों ही एक आदेश जारी कर सभी मनोनीत पार्षदों को मनोनयन निरस्त कर दिया था। साथ ही बोर्ड व आयोगों के अध्यक्षों को भी हटाया जा चुका है।
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