सार: पेंडिंग काम कराने के एवज में एक सरपंच वार्ड पंच के जरिए घूस मांग रहा था। शिकायत के सत्यापन के बाद ACB ने दोनों को पचास हजार लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों के ठिकानों की तलाशी ली जा रही है।
ACB की झालावाड़ की टीम ने कोटा की सांगोद तहसील में ट्रैप की यह कार्रवाई की। गिरफ्तार सरपंच का नाम मनीष कुमार नागर और वार्ड पंच धनराज है। झालावाड़ ACB के एडिशनल एसपी एसीबी भवानी शंकर मीणा ने बताया कि डूंगरपुर निवासी परिवादी रामकुवार ने शिकायत दी थी कि उसने गांव में 10-12 साल पहले डेढ़ लाख रुपए में एक जमीन का बाड़ा खरीदा था जो आंगनबाड़ी भवन के लिए ट्रांसफर हो गया था, लेकिन सरपंच इस बाड़े में आंगनबाड़ी भवन का निर्माण नहीं करवा रहा था। साथ ही खरीदे गए बाड़े का ग्राम पंचायत से पट्टा बनवाने और नोटिस जारी नहीं करने की एवज में वार्ड पंच धनराज मेघवाल के जरिए 50 हजार रिश्वत देने का दबाव बना रहा था।
शिकायत में यह भी कहा गया कि रिश्वत नहीं देने पर सरपंच बाड़े में पड़े पत्थरों को भी जब्त कर आंगनबाड़ी भवन निर्माण नहीं कराने की धमकी दे रहा था। ऐसे में परिवादी की शिकायत का सत्यापन करवाया गया। सत्यापन में शिकायत की पुष्टि होने के बाद शनिवार को एसीबी की टीम ने सरपंच मनीष कुमार नागर और वार्ड पंच धनराज को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
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