भारत अपनी पहचान के साथ सनातन जीवित राष्ट्र है: डॉ.नारायण लाल गुप्ता

डूंगरपुर 


आजादी के अमृत महोत्सव पर रुक्टा राष्ट्रीय की व्याख्यान माला


स्वाधीनता का अमृत महोत्सव यह चिंतन और मनन करने का अवसर देता है कि स्वाधीनता आंदोलन केवल भौगोलिक स्वाधीनता और राजनैतिक सत्ता हस्तान्तरण के लिए नहीं  अपितु भारत की सनातन पहचान को बचाए रखने के लिए था। यह बात अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अतिरिक्त महामन्त्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने गुरुवार को एस. बी. पी. राजकीय महाविद्यालय डूंगरपुर में रुक्टा राष्ट्रीय की इकाई द्वारा आयोजित स्वातन्त्रता का अमृत महोत्सव विषय पर केन्द्रित आयोजित व्याख्यान माला के प्रथम व्याख्यान के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप  में कही।

डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने इस अवसर कहा कि भारतीय शाश्वत जीवन मूल्य, सर्वपन्थ, सद्भाव, जाति, क्षेत्र, भाषा, रीति रिवाज, विविधताओं के वैशिष्ट्य की स्वीकार्यता पूर्वक सभी में एकता के सूत्रों की खोज जैसी सांस्कृतिक विशेषताएं सच्चे अर्थ में भारत का स्व है। इसी स्वत्व की चेतना से भारत सदैव मनुष्यता का पथ प्रदर्शक रहा है। भारत सनातन जीवित राष्ट्र है। भारत आध्यात्मिक लोकतन्त्र का सदियों से समर्थक रहा है। हमारे लिए राजनैतिक सत्ता से अधिक सबका भारत, सबके लिए भारत , जीवन मूल्यों के लिए समर्पित भारत का विचार ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसी स्वत्व का स्मरण नयी पीढ़ी को कराना स्वाधीनता का अमृत महोत्सव का व्यापक हेतु है।

कार्यक्रम के  विशिष्ट अतिथि रुक्टा राष्ट्रीय के महामन्त्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने कहा कि भारत को पहचान ने के लिए हमें पहले स्वयं की पहचान करनी होगी। स्वतन्त्रता सेनानियों के संघर्ष और जीवट को अपने जीवन का हिस्सा बना कर ही हम अपने सपनों का भारत बना सकते हैं।  मानगढ़ धाम जैसी घटनाएं, गोविन्द गुरु जैसे समाज नायकों के तेज को नई पीढ़ी के मनो मष्तिक में जगा कर भारत की भव्यता और स्व को प्रदीप्त करने की आज आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. के. मीना ने कहा कि हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम स्वतन्त्रता आन्दोलन के अमर सेनानी अपने पूर्वजों के प्रति जन मानस में श्रद्धा जाग्रत करें।  उनका कहना था कि भारत की श्रेष्ठताओं को उभारने से स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव जैसे कार्यक्रमों की सार्थकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ.रामस्वरुप मीना ने किया तथा इकाई सचिव डॉ.योगेन्द्र कुमार देवड़ा ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में डॉ. गीताराम शर्मा, डॉ.विवेक मण्डोत, डॉ. गणेश निनामा, डॉ. गौरीशंकर मीना, डॉ. निमेष चौबीसा, डॉ. सावित्री पाटीदार, डॉ. कैलाश नायमा, श्रीमती अभिलाषा जैन, शिवेन्द्र व्यास, विनय भारद्वाज,  डॉ. परमेश्वर गर्ग, डॉ. घटा व्यास आदि सह/ सहायक आचार्यों सहित 300 से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता रही।

आपको बता दें कि  स्वतन्त्रता का अमृत महोत्सव के तहत इस वर्ष व्याख्यान माला में पूरे प्रदेश में रुक्टा राष्ट्रीय के तत्वावधान में 300 व्याख्यान प्रस्तावित हैं। कार्यक्रम के पश्चात जीव सृष्टि कल्याण योजना के अन्तर्गत महाविद्यालय में पक्षियों के पीने के पानी के परिण्डे भी बांधे।

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