ट्रेन ड्राइवर के रिश्तेदार ने खतरे में डाली सैकड़ों यात्रियों की जान, इमरजेंसी उपकरणों से छेड़छाड़, तीन कर्मचारी निलंबित

जयपुर / दौसा 

ट्रेन ड्राइवर (चीफ लोको इंस्पेक्टर )के रिश्तेदार ने सैकड़ों यात्रियों की जिंदगी खतरे में डाल दी। इस ट्रेन ड्राइवर ने अपने एक रिश्तेदार को इंजन में बैठा लिया जो इंजन के इमरजेंसी उपकरणों से न केवल छेड़छाड़ करने लगा, बल्कि उसे फेसबुक पर लाइव भी दिखाया। उस वक्त ट्रेन में 800 से ज्यादा पैसेंजर सवार थे। मामला सामने आने के बाद रेल प्रशासन ने जांच बैठा दी है और तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

मामला अहमदाबाद से दिल्ली जा रही आश्रम एक्सप्रेस का है। घटना जयपुर – दिल्ली रेलवे ट्रैक पर बांदीकुई के आसपास की है। दरअसल इस आश्रम एक्सप्रेस के चीफ लोको इंस्पेक्टर (ड्राइवर) संतोष ने अपने रिश्तेदार सुखराम को उसका टिकट कन्फर्म नहीं होने पर लोको केबिन (इंजन) में बिठा दिया। उसने रफ़्तार से दौड़ रही ट्रेन के इंजन में जयपुर जंक्शन से निकलते ही बैठते ही छेड़छाड़ ही नहीं की बल्कि केबिन से फेसबुक पेज पर लाइव करना शुरू कर दिया। इसी व्यक्ति ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया। जो देखते ही देखते वायरल हो गया। उसमें टाइटल के रूप में लिखा गया कि ‘दौड़ती ट्रेन में बांदीकुई टू दिल्ली आश्रम एक्सप्रेस’। वीडियो को देखकर रेलवे के कर्मचारियों और इस व्यक्ति के रिश्तेदारों ने तुरंत डिलीट करने की सलाह दी। जिसके बाद सोशल मीडिया से यह वीडियो डिलीट कर दिया गया।

इनको किया निलंबित
मामले की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप में मच गया। रेल प्रशासन ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वीडियो में वह ट्रेन चलाने वाले उपकरणों से भी छेड़छाड़ करता दिख रहा है। जयपुर मंडल के डीआरएम नरेंद्र ने बताया कि जांच में मामला बांदीकुई से दिल्ली के बीच का होना पाया गया। जयपुर मंडल रेलवे ने चीफ लोको इंस्पेक्टर संतोष, लोको पायलट प्रदीप मीणा और असिस्टेंट लोको पायलट मनीष को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इंजन में बैठा व्यक्ति सुखराम दिल्ली पहुंच गया है। उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है।

अभी तक की  जांच में सामने आया है कि सुखराम रियर लोको में अकेला बैठा था। रियर लोको से परिचालन संबंधी कंट्रोल नहीं होता है। वहां से आपातकालीन प्रणाली का यूज कर सकता है। रियर लोको में मौजूद आपातकालीन प्रणाली का सुखराम यूज कर देता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इससे सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा खतरे में थी।

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