पत्रकार राजदीप ने अब की राष्ट्रपति भवन की गरिमा तार-तार, राष्ट्रपति ने जताई नाराजगी, इंडिया टुडे ग्रुप को मिली वार्निंग

नई दिल्ली

[DISPLAY_ULTIMATE_SOCIAL_ICONS]

इण्डिया टुडे ग्रुप के पत्रकार राजदीप सरदेसाई की एक बार फिर फजीहत हो गई है। अपना एजेण्डा लेकर चलने वाले राजदीप सरदेसाई ने पिछले चार दिन में यह दूसरी हरकत की है। इस बार उन्होंने राष्ट्रपति भवन को भी नहीं बख्शा। राजदीप ने राष्ट्रपति भवन की गरिमा को तार-तार करने की कोशिश की। इस पर राष्ट्रपति भवन ने कड़ी नाराजगी जताई है और इंडिया टुडे ग्रुप को राजदीप की इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताते एक खत लिखा है। 

इस बार राजदीप सरदेसाई ने यह हरकत हाल ही राष्ट्रपति भवन में लगाए गए नेताजी सुभाष चंन्द्र बोस के पोर्ट्रेट को लेकर की। इस बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती को पूरे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया था। इसी अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में नेताजी की एक पेंटिंग का अनावरण किया। इस पर इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सवाल उठाते कहा कि यह पोट्रेट नेताजी का है ही नहीं। राजदीप के अनुसार यह तो एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी का है। अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी ने एक फिल्म में नेताजी का किरदार निभाया था। ऐसे में राष्ट्रपति भवन में लगी नेताजी की फोटो पर सवाल खड़े करते हुए राजदीप की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति भवन में नेताजी की जगह पर प्रोसेनजीत की फोटो का अनावरण करा दिया गया। 

नेताजी के पोते ने राजदीप के दावे को किया खारिज
इस मामले में नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने इस पोट्रेट को लेकर किए गए दावे को खारिज कर दिया और बताया कि राष्ट्रपति द्वारा अनावरण किए गए तस्वीर को पद्मश्री से सम्मानित परेश मैती ने नेताजी की असली तस्वीर को देखकर बनाई है। नए पोट्रेट पर परेश मैती के हस्ताक्षर भी हैं। नेताजी के पोते ने इसे लेकर  प्रोपोगेंडा फैलाने वालों को जमकर लताड़ भी लगाई ।

अपने को फंसता देख पोस्ट डिलीट की
नेताजी के पोते की तरफ से किए गए दावे के बाद अपने फंसता देख  राजदीप सरदेसाई ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। लेकिन अपनी इस भूल के लिए देश के राष्ट्रपति से माफी नहीं मांगी। 

राष्ट्रपति भवन ने यह लिखा पत्र में
अब इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इंडिया टुडे के चेयरमैन अरुण पुरी को राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन इस तरह की भ्रामक खबर चलाने को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति द्वारा उनकी तस्वीर के अनावरण को लेकर पत्रकारों के एक समूह वर्ग ने भ्रामक जानकारी शेयर की। उसमें कहा गया कि ये तस्वीर नेताजी की नहीं बल्कि प्रसनजीत चटर्जी की है। सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई की तरफ से भी ऐसे ही दावे किए गए। लेकिन निराशाजनक बात है कि पत्रकार ने इससे जुड़े तथ्यों की जांच-परख करना भी जरूरी नहीं समझा और न ही नेताजी के परिवार के किसी सदस्य से इस संबंध में बात करना आवश्यक समझा। पत्र में इस तरह की हरकत कड़ी निन्दा की गई और भविष्य में इंडिया टुडे समूह के साथ अनुबंध की समीक्षा की बात कही गई।

गोली से किसान की मौत की झूठी खबर भी चलाई थी
सरसनी फैलाने के लिए राजदीप सरदेसाई ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली चलने से एक किसान की मौत होने की झूठी खबर भी चलाई थी। जबकि जांच में उस किसान की मौत ट्रैक्टर पलटने से होना पाया गया। सच्चाई सामने आने का बाद राजदीप ने वह पोस्ट भी डिलीट कर दी। इस मामले में पुलिस राजदीप के ख़िलाफ़ भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज कर चुकी है।

वहीं इंडिया टुडे ग्रुप राजदीप ऑफ एयर कर चुका है और एक माह का वेतन भी काट दिया गया है, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर उनको नौकरी से निकले जाने की खबरें भी वायरल हो रही हैं जिसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।





 

प्रतिक्रिया देने के लिए ईमेल करें  : ok@naihawa.com

 


SHARE THIS TOPIC WITH YOUR FREINDS