लिक्वीडेटर की कार्यशैली पर सवाल, निवेशक पूछ रहे हमें बताया जाए कि आखिर चल क्या रहा है?

नई दिल्ली

[DISPLAY_ULTIMATE_SOCIAL_ICONS]

केन्द्र सरकार ने लिक्वीडेटर तो नियुक्त किया  21 लाख निवेशकों को राहत पहुंचाने के लिए , पर इसकी अब तक की कार्यशैली से निवेशकों को पता ही नहीं चल पा रहा कि अन्दरखाने हो क्या रहा है। इससे अपनी गाढ़ी कमाई के 14 हजार करोड़ फंसा कर बैठे निवेशकों के सब्र का बांध टूट रहा है। अब लिक्वीडेटर का कार्यकाल एक साल और बढ़ जाने से और संशय पैदा हो गया है। लिक्वीडेटर के काम में पारदर्शिता की कमी के कारण उसके तौर-तरीकों पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। 

Liquidator के द्वारा इन दो सालों में  Asset  मुक्त  कराने हेतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। Liquidator कार्यालय में Helpline  पर चार  माह से यही बतलाया जा रहा है कि विभिन्न  जांच एजंसियों से संवाद जारी है। अगली अपडेट फरवरी  के अंत में आएगी। निवेशकों ने बताया कि केंद्रीय  रजिस्ट्रार से जब बात की जाती है तो यह कहा जाता है कि आपने  मुझसे  पूछ कर के  निवेश किया था क्या। 

कुछ इस तरह का छल आदर्श क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड ACCSL के निवेशकों के साथ हो रहा है। इन निवेशकों को राहत देने के नाम पर केवल एक हैल्प लाइन खोल दी गई है। जहां पीड़ितों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही। निवेशकों के अनुसार लिक्वीडेटर हैल्प लाइन को कोई जानकारी मुहैया नहीं करा रहे। हाल ही में हैल्पलाइन पर बताया गया कि लिक्वीडेटर ने कोई लीगल एक्शन लिया है। लेकिन लिया क्या यह किसी को पता नहीं चल सका है। निवेशकों का कहना है कि इन सब चीज़ों को आख़िर उनसे छुपाया क्यों जा रहा है। 

केन्द्रीय रजिस्ट्रार ने आनन-फानन  में  6-12-18 को liquidation  के आदेश जारी किए थे।  जिस  पर आदर्श  गुजरात  हाइकोर्ट  से  Stay Order ले आई। इसके बाद पुन:  29-11-19 को liquidation के आदेश  जारी  किए  गए। आदेश  के तहत liquidation का काम  एक वर्ष यानि 29-11-2020 तक पूर्ण  करना था, लेकिन  प्रगति  लगभग  शून्य  रही। आदेश के  तहत   liquidation कार्य  की Quarterly Report  केन्द्रीय  रजिस्ट्रार को भेजनी होती है। पर यह भेजी जा रही है या नहीं  और भेजी जा रही है तो उसमें क्या है यह किसी को नहीं पता।

रिकवरी तक की कार्रवाई नहीं हुई
Liquidator को अपने  कार्य के निष्पादन के लिए  आदर्श की loanee कम्पनी से Recovery की कार्यवाही करनी थी। पर उसने नहीं की। विभिन्न  जांच एजंसियों ने कितनी राशि की सम्पत्ति जब्त की गई है, यह भी liquidator आज बताने की स्थिति में नहीं है। इससे निवेशकों को पता नहीं लग पा रहा कि उनकी जमा पूंजी मिलेगी भी या नहीं और मिलेगी भी तो कितनी।  सभी जब्त सम्पत्ति को पोर्टल पर अपलोड करना चाहिए। पर जांच के नाम पर ऐसा नहीं किया जा रहा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आदर्श की सम्पत्ति पर राजनेताओं की बुरी नजर  है। 

ये तथ्य भी सवालों के घेरे में 

    • 31-3-2017 व 31-3-18 तक आदर्श में कितने  निवेशकों का कुल कितना जमा था? वह राशि कहां है?
    • गबन की गई राशि जांच एजंसियों द्वारा आदर्श में वापिस लाई गई या नहीं?
      रिकवर ऱाशि कहां है?
    • सोसायटी लोन की रिकवरी के प्रयास क्यों नहीं हुए?
    • लिकवडेटर द्वारा संपत्ति रिलीज के  प्रयास सफल क्यों नहीं हो रहे जबकि उसे सरकार ने ही नियुक्त किया है।



प्रतिक्रिया देने के लिए ईमेल करें  : ok@naihawa.com

 


SHARE THIS TOPIC WITH YOUR FREINDS