सीनियर एडवोकेट मननकुमार मिश्रा छठी बार बनें बीसीआई चेयरमैन, एस प्रभाकरण वाइस चेयरमैन

नई दिल्ली 

देश में  वकीलों की सबसे बड़ी संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) का चेयरमैन सीनियर एडवोकेट मननकुमार मिश्रा को फिर से निर्विरोध चुन लिया गया है मिश्रा बीसीआई के लगातार छठी बार चेयरमैन बनने वाले पहले एडवोकेट हैं वहीं, वाइस चेयरमैन के पद पर सीनियर एडवोकेट एस प्रभाकरण भी निर्विरोध चुने गए हैं

आपको बता दें कि बीसीआई चेयरमैन के चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर अलग-अलग हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही एक याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को बीसीआई के समक्ष अपना आवेदन देने के निर्देश दिए

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर बीसीआई को नोटिस तो जारी किए गए, लेकिन किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने चुनाव परिणाम 18 फरवरी तक जारी करने पर रोक लगा दी थी 18 फरवरी को सुनवाई के बाद शनिवार की देर शाम परिणाम जारी किए गए

17 अप्रेल को काम संभालेगी नई कार्यकारिणी
बीसीआई की नव निर्वाचित  कार्यकारिणी 17 अप्रेल को अपना कामकाज संभालेगी ये पदाधिकारी तीन वर्ष के लिए चुने जाते हैं ऐसे में 16 अप्रेल 2025 तक वे अपने-अपने पद पर ही रहेंगेवर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 16 अप्रेल को  पूरा होने जा रहा है

लगातार छठी बार चेयरमैन बनने वाले पहले एडवोकेट
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब एक एडवोकेट लगातार छठी बार चेयरमैन के रूप में निर्विरोध चुने गए हैंइससे पहले ​दिवगंत सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी चार बार चैयरमेन चुने गए थे मनन कुमार मिश्रा बिहार के गोपालगंज के निवासी हैं

ये है चैयरमेन के चुनाव की प्रक्रिया
बार कॉउसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन का चुनाव राज्य बार कॉउसिल के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता हैबार काउंसिल ऑफ इंडिया में कुल 18 सदस्य होते हैं देश के अटॉर्नी जनरल और सॉलिस्टर जनरल इसके स्थायी सदस्य होते हैवहीं, 16 सदस्य देशभर की राज्य बार के प्रतिनिधि होते हैं इन प्रतिनिधियों को राज्य बॉर कॉउसिंल के सदस्यों द्वारा चुना जाता है राज्य बार काउंसिल से आए सदस्यों में से ही चेयरमैन के लिए आवेदन किया जाता है एक से अधिक आवेदन होने पर मतदान प्रक्रिया अपनायी जाती है

अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संस्था है बीसीआई
बार काउंसिल ऑफ इंडिया देश में अधिवक्ता समुदाय की सबसे बड़ी संस्था है जो देशभर में लीगल एज्यूकेशन के संस्थानो पर नियत्रंण, अधिवक्ताओं के लिए गाइडलाइन्स तय करने और पेशेवर आचरण के स्टेडर्ड तय करने की कार्य करती है बीसीआई का गठन अधिवक्ता अधिनियम (एडवोकेट एक्ट), 1961 के तहत किया गया है वैसे तो ये अपने आप में एक कॉर्पोरेट निकाय है, लेकिन ये कानून और न्याय मंत्रालय के दायरे में आता है

ये महत्वपूर्ण कार्य करती है बीसीआई
बीसीआई मुख्यरूप से देशभर के अधिवक्ताओं के लिए कार्य करती है इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत से लेकर निचली अदालतों और अधिवक्ताओं के बीच समन्वय का कार्य करती है अधिवक्ताओं के आचरण को लेकर ये नियत्रंण करने के लिए उनकी सनद रद्द करने से लेकर कई तरह के सख्त कार्यवाही भी करती हैं लॉ कालेज और वि​स्त्रविद्यालयों को अनुमति और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

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