Assembly Elections-2023
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को घोषित कर दिए गए। शुरुआती रुझानों में टाइट फाइट के बाद भाजपा और कांग्रेस की तस्वीर साफ़ हो गई। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल की है जबकि तेलंगाना ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इन चारों राज्यों में में दोनों ही दलों के कई दिग्गजों का हार का सामना करना पड़ा है।
एग्जिट पोल्स को भी भाजपा के जलवे ने गलत साबित कर दिया है। किसी भी एग्जिट पोल ने छत्तीसगढ़ में भाजपा को बढ़त नहीं दिखाई थी, लेकिन अब वह यहां बहुमत के आंकड़े के करीब दिख रही है। तीनो राज्यों ने मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है।
राजस्थान में बिना सीएम फेस घोषित किए भाजपा ने चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। बहुमत की तस्वीर साफ होते ही अब भाजपा में सीएम को लेकर रेस तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देर रात और अब नतीजे आने के बाद अपने खेमे के विधायकों की बैठक की है और सीएम नहीं बन पाने की स्थिति में भविष्य की रणनीति पर चर्चा की है। अब चर्चा यही है के सीएम वसुंधरा राजे बनेंगी या बाबा बालकनाथ या फिर कोई और चेहरा सामने आएगा। राजे खेमे से एक नेता ने ‘नई हवा’ को बताया कि उनके खेमे के कम से कम तीस उम्मीदवार जीत रहे हैं।
राजस्थान विधानसभा की कुल 200 सीटों में 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था।प्रदेश में पहली बार रिकॉर्ड 75.45 प्रतिशत मतदान हुआ। राजस्थान चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 39.30 प्रतिशत वोट हासिल मिले थे और उसे 100 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 38.77 प्रतिशत वोट मिले और पार्टी 73 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल कर बहुमत की सरकार बनाई थी। जबकि, भाजपा 73 पर सिमट गई थी।
मध्य प्रदेश
बीते विधानसभा चुनाव 2018 में यहां कांग्रेस ने 230 में से 116 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। तब सीएम कमलनाथ को बनाया गया था। हालांकि, 2020 में फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी और भाजपा ने वापसी की थी।
छत्तीसगढ़
90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का कब्जा है। इस बार भाजपा ने कांग्रेस को बड़ी चुनौती देते हुए बहुमत हासिल कर लिया है। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 15 सीटें ही मिल सकी थीं। जबकि, कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। खास बात है कि भाजपा ने अब तक सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया और कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल के नाम पर चुनाव लड़ा।
तेलंगाना
2014 में अस्तित्व में आए तेलंगाना में अब तक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सरकार है। इस बार उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति यानी BRS (पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति) हैट्रिक की कोशिश में थी। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। राज्य में कांग्रेस ने इस बार केसीआर को कड़ी चुनौती देते हुए बहुमत हासिल कर लिया है। 2018 विधानसभा चुनाव में 119 में से टीआरएस को 88 सीटें मिली थी। तब कांग्रेस 21 सीटें ही हासिल कर सकी थी और भाजपा को एक ही सीट मिली थी।
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