किताब
डॉ. अलका अग्रवाल, सेवानिवृत कॉलेज प्राचार्य
जिंदगी एक किताब ही तो है,
हर दिन एक पृष्ठ है,
जिस पर
लिखी होती है हमेशा नई इबारत।
जिसका नहीं होता, कोई पूर्वानुमान
..अगले दिन,
…फिर नया पृष्ठ,
नई समस्या,.
..और इस तरह ,
निरंतर संघर्षरत रहते हुए,
पृष्ठ पलटते हुए,
अनुभवों के खजाने से समृद्ध होते हुए,
अंतिम पृष्ठ तक पहुंचा ही देती है जिंदगी।
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