डायरी के पन्ने…

पापा को इस दुनिया से गए 4 दिन हो गए थे। सभी रिश्तेदार जा चुके थे। मैं मां के पास ही रुक गई थी। मां नींद की गोली देने के बाद बड़ी मुश्किल से

किताब ही है जिंदगी…

जिंदगी एक किताब ही तो है,
हर दिन एक पृष्ठ है,
जिस पर

यात्रा…

जीवन में यायावारी कितना सिखाती है।
यात्रा भी, ज्ञान का सागर दिखाती है,

जीवन और प्रेम…

प्रेम नीर से ही बढ़ता है,
जीवन का यह पौधा।
जीवन के अपने अनुभव से

जीवन और प्रेम

प्रेम जीवन के दीपक का तेल है।
प्रेम एक मन से दूजे का मेल है।

भांति भांति के लोग…

उस दिन कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवाने, स्कूल से ही दोनों शिक्षक, सुरेश जी और रामनाथ जी साथ – साथ ही अस्पताल चले गए। सुरेश जी को…