नई दिल्ली
कर्मचारी वर्क प्लेस पर तरोताजा रहें, कार्यक्षमता बढ़े और स्वस्थ भी रहें। कुछ ऐसी ही सोच के साथ केंद्र सरकार कदम उठाने जा रही है। इसके लिए कर्मचारियों को हर दिन पांच मिनट का योग ब्रेक मिलेगा। इसलिए जब भी आप अपने काम के लिए किसी आफिस में जाएं और अधिकारी व् कर्मचारी ये कहें कि वे 5 मिनट के लिए योग ब्रेक (Yoga Break) ले रहे हैं तो चौंकिएगा नहीं। क्योंकि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उनमें फुर्ती बनी रहे।
दरअसल सरकार चाहती है कि उनके स्टाफ अब काम के दौरान तरोताजा रहे। लिहाज़ा सभी सरकारी कर्मचारियों को एक ऐप वाई-ब्रेक (Y-Break App) डाउनलोड करने के लिए कहा गया है।अब योग उनके जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनने वाला है। इस एप में योग के तरीके और फायदे बताए गए हैं। इस ऐप को आयुष मंत्रालय ने डेवेलप किया है। सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने ये आदेश हाल ही में जारी किया है।
आदेश में सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस ऐप को प्रमोट करें। आदेश में लिखा है, ‘भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों से Y- Break ऐप के उपयोग को बढ़ावा देने का अनुरोध किया जाता है।’ डीओपीटी ने आदेश में कहा कि एंड्रॉयड आधारित वाई-ब्रेक एप्लिकेशन को डाउनलोड किया जाए।सभी सेक्टरों के कर्मचारी (पब्लिक और प्राइवेट दोनों) इसका फायदा उठा सकते हैं। यह एक एंड्रॉयड बेस्ड ऐप है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
बनायाजाएंगे नियम
आयुष मंत्रालय ने एक बड़े समारोह में इस मोबाइल एप्लिकेशन को लॉन्च किया था, जिसमें छह मंत्री शामिल हुए थे। इस समारोह में डीओपीटी मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे और उन्होंने कानून मंत्री किरेन रिजिजू से ‘कार्यस्थल पर पांच मिनट के लिए योगा ब्रेक पर नियम बनाने का आग्रह किया था ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें। इस अवसर पर मौजूद मंत्रियों ने पूरी सभा में ऐप पर प्रदर्शित योगासन का प्रदर्शन किया। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये ऐप जंगल में आग की तरह फैलेगी।
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पांच मिनट का योग प्रोटोकॉल विशेष रूप से काम करने वाले पेशेवरों के लिए काम की क्षमता बढ़ाने के लिए है। इसे कार्यस्थल पर तनाव कम करने, लोगों को तरोताजा और फिर से ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, ‘हम जानते हैं कि कॉर्पोरेट प्रोफेशनल अक्सर अपने काम के कारण तनाव का अनुभव करते हैं। कामकाजी आबादी को ध्यान में रखते हुए, ये वाई-ब्रेक विकसित किया गया है, जो कर्मचारियों को कार्यस्थल पर कुछ आराम देगा।’
दो साल से चल रही थी कोशिशें
डीओपीटी के आदेश में कहा गया है कि आयुष मंत्रालय ने इस एप को 2019 में एक विशेषज्ञ समिति के माध्यम से कार्यस्थल के लिए 5 मिनट के योग प्रोटोकॉल को डिजाइन और विकसित किया। जनवरी 2020 में छह प्रमुख महानगरों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मॉड्यूल लॉन्च किया। डीओपीटी के आदेश में कहा गया है, ‘इसकी प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक थी।
योग प्रोटोकॉल और ऐप को मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा (MDNIY) के सहयोग से बनाया गया है, जो कि एक ऑटोनॉमस बॉडी है। यह आयुष मिनिस्ट्री के तहत काम करती है। साथ ही कई अन्य इंस्टीट्यूट जैसे कृष्णामचारी योगा मंदिर चेन्नई मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बेलुर मैथ, NIMHANS-बैंगलोर और कैवल्याधाम हेल्थ और योगा रिसर्च सेंटर-लोनावला ने इस ऐप को बनाने में मदद की है।
योग एक्सपर्ट का कहना है कि लोग ऑफिस में घंटों लगातार काम करते हैं। इसका असर ना सिर्फ आपकी फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी पड़ेगा। ऐसा देखा जाता है कि कारपोरेट प्रोफेशनल्स को अधिकतर वर्क स्ट्रेस और नकरात्मक इंपैक्ट देखा जाता है। लोगों को काम के दौरान छोटा ब्रेक लेना चाहिए। जिससे स्ट्रेस को कंट्रोल रखा जा सकेगा।
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