डॉ. अलका अग्रवाल
जब कोई अपना जाता है,
तब मन बेहद घबराता है।
दुख दिल में नहीं समाता है,
आंसू बन कर बह जाता है।
वह हमें अकेला छोड़ गया,
यह खालीपन है, मोड़ नया।
हाँ, उसने जीवन खूब जिया,
कर्तव्य स्वयं का पूर्ण किया।
अब क्या होगा, कैसा होगा,
क्या, कुछ पहले जैसा होगा।
अब मन में घोर निराशा है,
छाया हर ओर कुहासा है।
इस लोक में शेष नहीं है वह,
परिजन के दिल में बसता है।
हम सब उसके अनुगामी हों,
है मार्ग यही, मन कहता है।
(लेखक सेवानिवृत कालेज प्राचार्य हैं)
ये भी पढ़ें
- Bharatpur: 11 मई से आयोजित होगी जिला ताईक्वानडो चैंपियनशिप
- कार और ट्रेलर में भीषण भिड़ंत, एक ही परिवार के 3 बच्चों समेत 5 की मौत, 8 घायल
- दलील पूरी होते ही कोर्ट से बाहर निकले वकील, जज हुए नाराज | इसके बाद फिर ये हुआ | दिल्ली शराब घोटाला मामला
- आगरा में हाईवे पर एक्सीडेंट: काल बनकर आया बेकाबू ट्रक दम्पती को रौंद गया | भाई की शादी से लौट रहे थे
- डीग: ई-मित्र संचालकों द्वारा रजिस्ट्रेशन के नाम पर किसानों से अधिक वसूली करने की शिकायत | भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने प्रशासन को दिया ज्ञापन
- वैर के ग्राम जहाज में 24 अप्रैल से शुरू होगा कारिस देवबाबा का लक्खी मेला
- भरतपुर के वार्ड 43 में धूमधाम से मनाई हनुमान जयंती
- जयपुर में घर में घुसकर महिला का मर्डर, बिस्तर पर मिली लाश | कमरा बंद कर छत के रास्ते फरार हुआ बदमाश
- SMS हॉस्पिटल में ब्लड डोनेशन के बाद युवक की मौत | रक्तदान के बाद अचानक उठा सीने में दर्द
- सरकारी बैंक नहीं कर सकते यह काम; बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई रोक | अब रद्द हो जाएगा ये सर्कुलर, जानें पूरा मामला