एक नहीं वरन् दो माँ हैं मेरी
हीरे सी चमकती किस्मत है मेरी
Tag: Dr. Vinita Rathore
हीरे सी चमकती किस्मत है मेरी…
भविष्य उज्जवल गर है बनाना
भविष्य उज्जवल गर है बनाना
तो छोड़ो परीक्षा से नाहक डरना
थोड़ा तनाव होता है अच्छा
न थोपें उन पर अपने सपनों का पहाड़
फिर से आ गया परीक्षाओं का मौसम
चलो बनाएं तनाव मुक्त “इकोसिस्टम”
पोषित करें सद्भाव…
ये दुनिया नहीं है विश्राम स्थल
अभीष्ट कर्मों का ये कर्म स्थल
अद्वितीय इसका हर एक कण
इनके सदुपयोग का लें हम प्रण
प्रभु-सहचर्य
चौरासी लाख योनियों में से एक
अति दुर्लभ है मानव योनि एक
है इस में इच्छा और कर्म का संपूर्ण समावेश
सागर में जब समाती है…
पर्वतों का सीना चीर
घने वनों को कर के पार
हर दिन दिवाली
‘असतो मा सदगमय’ यही समझाए
अंधेरे से उजाले की ओर चलते जाएं
सेवानिवृत्ति का सुख…
सरकारी सेवा से होकर निवृत्त
प्रभु भजन में अब होना है रत
कभी-कभी खुद से भी मिला करो…
कभी-कभी खुद से भी मिला करो
अपने दिल की भी सुन लिया करो
नाहक डर – डर कर यूं क्यूं जीना…
जाने भी दो यारो
नाहक डर -डर कर यूं क्यूं जीना
हरि इच्छा के बिना है असंभव